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मातृ भूमि के लिए मर मिटने के जज्बे ने अंग्रेजों के पांव उखाड़ दिए थे और उन्हें भारत देश छोड़ने को मजबूर होना पड़ा था.

‘भारतीय क्रांति की जननी’ के रूप में ख्याति अर्जित करने वाली भीकाजी कामा ने ब्रिटेन के अलावा अमेरिका और जर्मनी की अपनी यात्रा के दौरान भारत की स्वतंत्रता के लिए अभियान चलाया था.

कड़कनाथ प्रजाति की मुर्गियां अपने अंडे पर नहीं बैठती हैं. कड़कनाथ के अंडों की ब्रीडिंग का तरीका दूसरे प्रजाति के मुर्गों से एकदम अलग है.

जब विक्रम साराभाई ने दुनिया को अलविदा कहा. उनसे बात करने वाले आखिरी शख्स डॉ. अब्दुल कलाम ही थे. मौत से एक घंटे पहले उन्होंने डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम से टेलीफोन पर बातचीत की थी.

फिल्म में दिखाया गया कि किस तरह से फिल्म का हीरो गांव वालों को आजादी का मतलब समझाता है और लोगों को जातिगत बंधन तोड़ने की बात कहता है.

उनके परिवार ने क्रिकेट खेलने के लिए उनको काफी सहयोग दिया, लेकिन उनके ऊपर अपनी पढ़ाई को भी जारी रखने की शर्त लागू थी.

उनकी इस फैमिली फोटो के पीछे उनका नाम और मिशन का भी जिक्र किया गया है. वह चांद पर जाने वाले सबसे युवा व्यक्ति थे.

अंग्रेजी हुकूमत से लोहा लेते हुए साल 1925 में क्रांतिकारियों ने ट्रेन से ले जाए जा रहे उनके खजाने को लूट लिया था. इस लूटकांड को काकोरी के पास अंजाम दिया गया था.

महात्मा गांधी ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के बॉम्बे अधिवेशन में ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ को नई दिशा दी. इस आंदोलन ने ही देशवासियों को ब्रिटिश शासन के खिलाफ जुटने के लिए प्रेरित किया.