बंटवारे के वक्त टॉस जीतकर भारत ने अपने नाम कर ली थी ये शानदार चीज…जानें पाकिस्तान को मिले थे कितने करोड़?
मातृ भूमि के लिए मर मिटने के जज्बे ने अंग्रेजों के पांव उखाड़ दिए थे और उन्हें भारत देश छोड़ने को मजबूर होना पड़ा था.
कौन थीं भीकाजी कामा, जिन्होंने आजादी से बहुत पहले 1907 में विदेशी धरती पर लहराया था भारतीय ध्वज
‘भारतीय क्रांति की जननी’ के रूप में ख्याति अर्जित करने वाली भीकाजी कामा ने ब्रिटेन के अलावा अमेरिका और जर्मनी की अपनी यात्रा के दौरान भारत की स्वतंत्रता के लिए अभियान चलाया था.
क्यों काला होता है कड़कनाथ मुर्गे के खून का रंग? ये बड़ी वजह आई सामने
कड़कनाथ प्रजाति की मुर्गियां अपने अंडे पर नहीं बैठती हैं. कड़कनाथ के अंडों की ब्रीडिंग का तरीका दूसरे प्रजाति के मुर्गों से एकदम अलग है.
‘इसरो की रखी नींव…डॉ. कलाम को बनाया मिसाइल मैन’, जानें कौन हैं इंडियन स्पेस प्रोग्राम के जनक
जब विक्रम साराभाई ने दुनिया को अलविदा कहा. उनसे बात करने वाले आखिरी शख्स डॉ. अब्दुल कलाम ही थे. मौत से एक घंटे पहले उन्होंने डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम से टेलीफोन पर बातचीत की थी.
एक अंग्रेज ने ही बनाई थी हिंदी सिनेमा की पहली देशभक्ति फिल्म; जाने किस अभिनेता को मिला था अहम रोल?
फिल्म में दिखाया गया कि किस तरह से फिल्म का हीरो गांव वालों को आजादी का मतलब समझाता है और लोगों को जातिगत बंधन तोड़ने की बात कहता है.
जानें कौन हैं भारत की दिग्गज महिला विकेटकीपर और क्रिकेट ने कैसे बदली उनकी जिंदगी?
उनके परिवार ने क्रिकेट खेलने के लिए उनको काफी सहयोग दिया, लेकिन उनके ऊपर अपनी पढ़ाई को भी जारी रखने की शर्त लागू थी.
जानें कौन हैं वो अंतरिक्ष यात्री जिनकी चांद पर आज तक मौजूद है फैमिली फोटो?
उनकी इस फैमिली फोटो के पीछे उनका नाम और मिशन का भी जिक्र किया गया है. वह चांद पर जाने वाले सबसे युवा व्यक्ति थे.
जानें कौन था वो कलाकार जिसकी भगवान की तरह होती थी पूजा…? 8 बार निभाया श्रीराम का किरदार, महात्मा गांधी भी थे उनकी फिल्मों के दीवाने
पहली बार भगवान राम का किरदार 1942 में आई 'भरत मिलाप' में निभाया.
काकोरी कांड के 100 साल, जब क्रांतिकारियों ने अंग्रेजी हुकूमत का लूट लिया था खजाना
अंग्रेजी हुकूमत से लोहा लेते हुए साल 1925 में क्रांतिकारियों ने ट्रेन से ले जाए जा रहे उनके खजाने को लूट लिया था. इस लूटकांड को काकोरी के पास अंजाम दिया गया था.
भारत छोड़ो आंदोलन: 1942 में आज ही के दिन महात्मा गांधी ने दिया था ‘करो या मरो’ का नारा
महात्मा गांधी ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के बॉम्बे अधिवेशन में ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ को नई दिशा दी. इस आंदोलन ने ही देशवासियों को ब्रिटिश शासन के खिलाफ जुटने के लिए प्रेरित किया.