बीना दास: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की धधकती चिंगारी, जिन्होंने दीक्षांत समारोह में ही कलकत्ता के गर्वनर को मार दी थी गोली
क्रांतिकारी बीना दास के माता-पिता अपने बच्चों, खासकर अपनी बेटियों को ऐसे अवसर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध थे जो उस समय दुर्लभ थे, जिसमें स्वतंत्रता, शिक्षा और सीखने की प्यास शामिल थी.
हरिशंकर परसाई: गाय का ‘धर्म’ और राजनीति का ‘मर्म’ समझाने वाले व्यंग्यकार
प्रख्यात लेखक और व्यंग्यकार हरिशंकर परसाई लिखते हैं कि निंदा में विटामिन और प्रोटीन होते हैं. निंदा खून साफ करती है, पाचन-क्रिया ठीक करती है, बल और स्फूर्ति देती है.
‘आप यहां बनारस बना दीजिए…’, अमेरिका में बसने के प्रस्ताव पर बिस्मिल्लाह खान ने जो कहा वो सबको सुनना और जानना चाहिए
बिस्मिल्लाह खान की उम्र जब 6 साल ही थी तब वह शहनाई की शिक्षा के लिए वाराणसी अपने मामा अली बख्श के पास आ गए थे. उनके उस्ताद मामा काशी विश्वनाथ मंदिर में शहनाई बजाते थे. यहीं से उन्होंने शहनाई को अपना पहला प्यार बनाया.
इस्मत चुगताई; जानें क्यों मिला ‘अश्लील लेखिका’ और ‘लेडी चंगेज खान’ का तमगा? मर्दों की इज्जत को लेकर कही थी ये बड़ी बात, समलैंगिक रिश्तों पर भी चलाई कलम
उनकी किताब 'लिहाफ' को लेकर उन पर लाहौर कोर्ट में मुकदमा चला. इस्मत ने माफी नहीं मांगी. उन्होंने मुकदमा लड़ा और जीत हासिल की.
आज भी रहस्य है नेताजी की मौत…जानें क्या है 18 अगस्त के दिन से उनका कनेक्शन, क्यों मांगी थी हिटलर से मदद?
आजादी के बाद भारत सरकार ने उनकी मौत के जांच के लिए 1956 और 1977 में दो बार आयोग नियुक्त किया.
जानें कौन हैं अर्जुन अवॉर्ड जीतने वाली भारत की पहली महिला पहलवान? राष्ट्रमंडल खेलों में कायम किया था दबदबा
गीतिका की पहली पसंद कुश्ती नहीं थी. सबसे पहले उन्होंने एथलेटिक्स में अपना हाथ आजमाया था.
शाहजहां को टक्कर देती है ‘दशरथ मांझी: द माउंटेन मैन’ के प्यार की कहानी, जिन्होंने पत्नी की याद में पहाड़ काटकर निकाल दिया था रास्ता
बिहार के गया जिले के रहने वाले दिवंगत दशरथ माझी की मार्मिक कहानी अदम्य साहस और ताकत का उदाहरण है, जो सदियों तक लोगों को प्रेरणा देती रहेगी.
‘सरकारें आएंगी-जाएंगी… मगर ये देश रहना चाहिए’, जब अटल बिहारी वाजपेयी ने सदन में दिया था ऐतिहासिक भाषण
पहली बार साल 1996 में अटल बिहारी वाजपेयी देश के 10वें प्रधानमंत्री बने थे. हालांकि उनकी सरकार सिर्फ 13 दिन चल सकी थी. वह तीन बार देश के प्रधानमंत्री रहे थे.
भारत और पाकिस्तान को एक साथ मिली आजादी, लेकिन इन वजहों से PAK 14 अगस्त को मनाने लगा स्वतंत्रता दिवस
भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 के अनुसार, ‘15 अगस्त, 1947 से भारत में दो स्वतंत्र राष्ट्र स्थापित किए जाएंगे, जिन्हें क्रमशः भारत और पाकिस्तान के नाम से जाना जाएगा.’
पाकिस्तान ने मोरारजी देसाई को दिया था अपना सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘निशान-ए-पाकिस्तान’, जानें क्या थी वजह
पाकिस्तान के तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल जिया-उल हक को बातों ही बातों में यह बता दिया था कि भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम के बारे में सब पता है.