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18 महीने से जारी युद्ध के चलते लगभग 30 लाख लोग सूडान से कर चुके हैं पलायन: संयुक्त राष्ट्र

अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) ने अनुमान लगाया है कि अकेले अक्टूबर के पहले पखवाड़े में ही सूडान के अंदर करीब 40,000 लोग विस्थापित हुए हैं. पिछले साल अप्रैल में संघर्ष शुरू होने के बाद से सूडान में आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों की कुल संख्या करीब 8.2 मिलियन (82 लाख) हो गई है.

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी के अनुसार 18 महीने के युद्ध के बाद सूडान (Sudan) के लगभग 30 लाख लोग देश छोड़कर सुरक्षा की तलाश में पड़ोसी देशों और अन्य स्थानों पर पलायन कर चुके हैं. ये लोग मुख्य रूप से मध्य अफ्रीकी गणराज्य, चाड, मिस्र, इथियोपिया, लीबिया, दक्षिण सूडान और युगांडा में शरण ले रहे हैं.

समाचार एजेंसी श‍िन्हुआ के अनुसार मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (OCHA) ने कहा है कि वह सूडान के कई हिस्सों में संघर्ष के कारण लोगों के लगातार विस्थापित होने को लेकर बहुत चिंतित है.

अक्टूबर  में 40,000 लोग विस्थापित हुए

अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) ने अनुमान लगाया है कि अकेले अक्टूबर के पहले पखवाड़े में ही सूडान के अंदर करीब 40,000 लोग विस्थापित हुए हैं. पिछले साल अप्रैल में संघर्ष शुरू होने के बाद से सूडान में आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों की कुल संख्या करीब 8.2 मिलियन (82 लाख) हो गई है.

रिपोर्ट में कहा गया कि, ” दारफुर में बढ़ते संघर्ष के कारण अक्टूबर के पहले सप्ताह में ही करीब 25,000 लोग पूर्वी चाड पहुंचे, जो 2024 में एक सप्ताह के भीतर आने वाले नए लोगों की सबसे अधिक संख्या है. चाड में किसी भी अन्य देश की तुलना में सबसे ज्यादा 681,944 सूडानी शरणार्थी हैं.”

इस बीच कार्यालय ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र और उसके सहयोगी सूडानी स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ हैजा बीमारी को लेकर काम कर रहे हैं. इसमें बड़े पैमाने पर टीकाकरण, जागरूकता बढ़ाना और स्‍वच्‍छ पानी उपलब्‍ध कराना शाम‍िल है.

OCHA ने बताया कि मंगलवार तक देश में हैजा के 24,000 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं. इनमें जुलाई के मध्य से अब तक लगभग 700 मौतें भी शामिल हैं.

OCHA  के अनुसार मध्य अफ्रीकी गणराज्य, चाड, मिस्र, इथियोपिया, लीबिया, दक्षिण सूडान और युगांडा में शरणार्थियों और अन्‍य लोगों की सहायता के लिए सूडान आपातकाल के लिए क्षेत्रीय शरणार्थी प्रतिक्रिया योजना के तहत 1.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर जुटाने की अपील की थी.मगर कूल राशि का केवल 27 प्रतिशत ही धन एकत्र‍ित हो सका है.

-भारत एक्सप्रेस



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