Bharat Express

Twitter ने सुसाइड प्रिवेंशन टूल नहीं हटाया, Elon musk ने बताया इसे फेक न्यूज

Elon musk : माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर की सुसाइड प्रिवेंशन फीचर को हटाने की रिपोर्ट को कंपनी के मालिक एलन मस्क ने झूठा बताया है.

elon musk

Elon musk : Twitter डील जब से पूरी हुई है और यह कंपनी Elon Musk के हाथों में आई है. तब से कंपनी लगातार चर्चा में बनी हुई है. हाल ही में कई एसी खबरें सामने आई, जिसमें कभी माइक्रो ब्लॉगिंग साइट Twitter पर ब्लू टिक वालों को कुछ पैसों का भुगतान करना होगा, बाद में ये फैसला रद्द कर दिया गया. हालांकि, अब यह फैसला फिर से लागू किया गया है. अब तक इस तरह के कई फैसले देखने को मिल चुके हैं. वहीं, अब यह खबर आई थी कि, Twitter से सुसाइड प्रिवेंशन फीचर अब हट गया है. लेकिन अब ट्विटर के सीईओ एलन मस्क ने इस बात से इनकार किया है कि माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ने अपने उपयोगकर्ताओं के लिए आत्महत्या रोकथाम सुविधा वाले टूल को हटा दिया. मीडिया रिपोर्ट्स में पहले दावा किया गया था कि, ट्विटर ने आत्महत्या रोकथाम हॉटलाइन और अन्य सुरक्षा संसाधनों की सुविधा को हटा दिया है.

एलन मस्क ने इस खबर को कहा झूठ

एलन मस्क ने एक ट्वीट में कहा कि “झूठ, यह अभी भी है.”रिपोर्ट में ट्विटर के अधिकारियों के हवाले से दावा किया गया है कि इस फीचर को हटा दिया गया है और इसे नया रूप दिया जा रहा है. मस्क ने एक यूजर को जवाब देते हुए कहा कि “ट्विटर सुसाइड नहीं रोकता. “उन्होंने कहा, “संदेश वास्तव में अभी भी बना हुआ है. यह फर्जी खबर है.

ये भी पढ़ें- Dubai: लॉटरी के एक टिकट ने बदल दी किस्मत, दुबई में टैक्सी चलाने वाला भारतीय बना करोड़पति, 33 करोड़ का जैकपॉट आया हाथ

किस तरह काम करता है सुसाइड प्रिवेंशन फीचर

किसी पोस्ट, वीडियो, फोटो और किसी भी तरह के कंटेंट को देखकर अगर कोई यूजर सुसाइड करने की सोचता है, तो ट्विटर का सुसाइड प्रिवेंशन फीचर यूजर के खुदकुशी के इरादे को बदलने में उसका सहयोग करता है. फीचर के जरिए ऐसे यूजर्स को माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म हॉटलाइन और सेफ्टी से जुड़े दूसरे तरीके भी उपल्बध कराए जाते हैं.

एक रिपोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक इस फीचर को हटाने से पहले ट्विटर की ओर से कोई जानकारी शेयर नहीं की गई थी. यूजर्स #ThereIsHelp के जरिए इस फीचर की मदद लेते हैं. इस फीचर से दुनियाभर के कई ऐसे ग्रुप को सपोर्ट मिला है, जो मेंटल हेल्थ, HIV, वैक्सीन, बाल शोषण, कोविड-19, जेंडर आधारित हिंसा, प्राकृतिक आपदा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के क्षेत्र में काम करते हैं.

Also Read