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‘अपने कर्मों का फल भुगत रहा है पाकिस्तान..’, UN में बोले जयशंकर- कुछ देश जानबूझकर ऐसे फैसले लेते हैं, जिनके परिणाम विनाशकारी होते हैं

S Jaishankar In United Nations: संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र में भारत की ओर से विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भाषण दिया. इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान के आतंकवाद से लेकर, गाज़ा और यूक्रेन में जारी हिंसा एवं संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के विस्तार पर बात की.

अपने 20 मिनट के भाषण में एस. जयशंकर ने पाकिस्तान की दशकों पुरानी आतंकवाद नीति पर खुलकर बात की. उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ के दिए भाषण पर भी तंज़ कसा और पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को लेकर कहा कि वो उसके ‘कर्मों का फल’ है.

एस. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान पर अपनी बात शुरू करते हुए कहा, “कई देश अपने नियंत्रण से बाहर परिस्थितियों की वजह से पीछे छूट जाते हैं, लेकिन कुछ देश जानबूझकर ऐसे फ़ैसले लेते हैं, जिनके परिणाम विनाशकारी होते हैं. इसका एक बेहतरीन उदाहरण हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान है. दुर्भाग्य से, उनके पापों का असर दूसरों पर भी पड़ता है, ख़ासतौर पर पड़ोस पर.”

‘पाक की दुर्दशा के लिए दुनिया को दोष नहीं दिया जा सकता’

एस. जयशंकर बोले, “पाकिस्तान की जीडीपी को केवल कट्टरता और आतंकवाद के रूप में इसके निर्यात के तौर पर ही मापी जा सकती है. आज हम देखते हैं कि दूसरों पर जो बुराइयां लादने की कोशिश की गई, वे उसके अपने समाज को निगल रही हैं. इसके लिए दुनिया को दोष नहीं दिया जा सकता. यह केवल कर्मों का फल है. दूसरों की ज़मीनों पर नज़र रखने वाले एक नाकारा देश के बारे में पता चलना चाहिए और उसका मुक़ाबला किया जाना चाहिए.”

भारतीय विदेश मंत्री ने कहा- “पाकिस्तान की सीमा पार आतंकवाद की नीति कभी सफल नहीं हो सकती और न ही होगी. 1947 में अपने गठन के बाद से पाकिस्तान सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. वो अपने विनाशकारी परिणामों के साथ जान-बूझकर लिए गए निर्णयों के कारण पीछे रह गया है.”

‘सीमा-पार आतंकवाद की नीति कभी कामयाब नहीं होगी’

एस. जयशंकर ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ के भाषण पर भी प्रतिक्रिया दी. जयशंकर ने कहा, “हमने कल इसी मंच से कुछ अजीब बातें सुनीं. मैं भारत की स्थिति बिलकुल साफ़ कर देता हूं कि पाकिस्तान की सीमा-पार आतंकवाद की नीति कभी कामयाब नहीं होगी. और इसको लेकर किसी सज़ा से छूट की भी कोई उम्मीद नहीं की जा सकती. इसके उलट, कर्म के फल ज़रूर मिलते हैं.”

‘कब्ज़ा किए गए भारतीय क्षेत्र को खाली करे पाकिस्तान’

पीओके का जिक्र करते हुए एस. जयशंकर बोले, “हमारे बीच इस मुद्दे को हल किया जाना बचा है कि पाकिस्तान अवैध रूप से क़ब्ज़ा किए गए भारतीय क्षेत्र को ख़ाली करे, और आतंकवाद रोकने के साथ-साथ लंबे समय से चले आ रहे चरमपंथ के प्रति लगाव का त्याग करे.”

अपने भाषण में भारतीय विदेश मंत्री ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से गाज़ा में और यूक्रेन-रूस के बीच जारी युद्ध के लिए जल्द से जल्द समाधान निकालने की अपील भी की.

– भारत एक्‍सप्रेस

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