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अचानक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मिलने पहुंचे शरद पवार, कुछ देर बाद गौतम अडाणी से भी की अपने आवास पर मुलाकात

Sharad Pawar: खबरों के मुताबिक, शरद पवार ने सहकारिता अधिनियम पर भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि यह अधिनियम 1960 में राज्य कैबिनेट द्वारा प्रस्तावित संशोधन की मंजूरी अनुचित है.

सीएम शिंदे और शरद पवार की मुलाकात (फोटो ट्विटर)

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की राजनीतिक में इस समय सियासी पारा चढ़ा हुआ है. एक तरफ उद्धव ठाकरे गुट (UBT) ने सीएम शिंदे सरकार के 22 विधायक और 9 सासंद संपर्क में होने का दावा किया है तो वहीं दूसरी तरफ प्रदेश में आज ऐसा कुछ हुआ कि जिसने राजनीतिक पारे को बढ़ा दिया. दरअसल उद्धव ठाकरे अभी विदेश गए हुए हैं. इसी बीच आज 1 मई को एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के मुख्यमंत्री शिंदे से मुलाकात की. जानकारी के मुताबिक, दोनों की बीच करीब आधे घंटे तक बातचीत भी हुई. अब इसके अलग-अलग कयास लगाए जा रहे हैं. हालांकि शरद पवार ने सीएम शिंदे से मुलाकात क्यों की, हम आपकों बताते हैं.

प्रदेश में मराठा मंदिर संस्था को 75 वर्षा पूरे हो चुके हैं. शरद पवार इस समारोह का आमंत्रण देने के लिए सीएम शिंदे से मिलने पहुंचे थे. ये प्रोग्राम 24 जून को मुंबई (Mumbai) में होना है. शरद पवार मराठा मंदिर संस्था के अध्यक्ष हैं.

एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने मुलाकात के बाद ट्वीट करते लिखा कि “मराठा मंदिर के अमृत महोत्सव की वर्षगांठ के अवसर पर संस्थान समारोह का आयोजन करेगी. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को इस कार्यक्रम के लिए आमंत्रित करने के लिए उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की. साथ ही महाराष्ट्र में मराठी फिल्म, रंगमंच एवं कला क्षेत्र के कलाकारों एवं शिल्पकारों की समस्याओं को जानने के लिए बैठक आयोजित करने को लेकर भी मुख्यमंत्री से चर्चा की”.

सहकारिता अधिनियम पर चर्चा

खबरों के मुताबिक, शरद पवार ने सहकारिता अधिनियम पर भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि यह अधिनियम 1960 में राज्य कैबिनेट द्वारा प्रस्तावित संशोधन की मंजूरी अनुचित है.  ये महिलाओं को बराबरी का हक नहीं देता. उन्होंने कहा कि प्रस्तावित संशोधन के मुताबिक, यदि कोई लगातार पांच वर्ष तक सहकारी बैठकों में भाग नहीं ले पाता है तो उसकी सदस्यता समाप्त कर दी जायेगी. महाराष्ट्र में सहकारी क्षेत्र में कई महिलाएं काम कर रही हैं, इसलिए उनके लिए हर बैठक में शामिल होना मुश्किल हो सकता है और फिर उनकी सदस्यता रद्द हो सकती है. जिससे उनकी संख्या कम हो सकती है. हमने इसके बारे में चर्चा की और मैंने अपील की है कि इसे महिला प्रतिनिधियों के पक्ष में रद्द किया जाना चाहिए.

– भारत एक्सप्रेस

 

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