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“पिछले 9 सालों में देश पर 100 करोड़ से ज्यादा का कर्ज, बदहाल अर्थव्यवस्था पर ‘श्वेत पत्र’ जारी करे सरकार”, कांग्रेस ने मोदी सरकार पर बोला हमला

Supriya Shrinate: कांग्रेस प्रवक्ता ने आगे कहा कि 67 साल में जहां 14 प्रधानमंत्रियों ने मिलकर 55 लाख करोड़ का कर्ज लिया, वहीं मोदी जी ने अपने 9 साल में इसको तिगुना करके 155 लाख करोड़ पहुंचा दिया.

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प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत (फोटो एजेंसी)

Congress: कांग्रेस ने शनिवार को बीजेपी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार पर पिछले सालों में देश पर बढ़े कर्ज को लेकर निशाना साधा है. कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर देश की अर्थव्यवस्था को बदहाल करने का आरोप लगाया है. इसके साथ ‘श्वेत पत्र’ जारी करने की मांग भी की है. पार्टी की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत (supriya shrinate) ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने भारत के कर्ज को तीन गुना कर दिया है, जो 2014 में 55 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर अब 155 लाख करोड़ रुपये हो गया है.

कांग्रेस प्रवक्ता ने आगे कहा कि 67 साल में जहां 14 प्रधानमंत्रियों ने मिलकर 55 लाख करोड़ का कर्ज लिया, वहीं मोदी जी ने अपने 9 साल में इसको तिगुना करके 155 लाख करोड़ पहुंचा दिया. मतलब 9 साल में देश का कर्ज 100 लाख करोड़ से भी ज्यादा बढ़ गया है.

इसके अलावा उन्होंने कहा कि हेडलाइंस को मैनेज करके इकॉनमी को मैनेज नहीं किया जा सकता और न ही व्हाट्सऐप फॉरवर्डस से इसे मैनेज किया जा सकता है. इसे केवल कुशल आर्थिक प्रबंधन के साथ प्रबंधित किया जा सकता है.

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‘हर बच्चे के सिर पर जन्म से ही 1.2 लाख रुपये का कर्ज’

सुप्रिया श्रेनेत ने कहा कि आज भारत में पैदा होने वाले हर बच्चे के सिर पर जन्म से ही 1.2 लाख रुपये का कर्ज है. उन्होंने दावा किया कि देश इस विशाल ऋण को चुकाने के लिए हर साल 11 लाख करोड़ रुपये खर्च करता है. भारत का कर्ज और जीडीपी अनुपात 84 प्रतिशत तक बढ़ गया है, जो अन्य विकासशील और उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं के 64.5 प्रतिशत की तुलना में खतरनाक है. आगे कहा कि देश के 23 करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं, लेकिन अरबपतियों की संख्या पिछले 2 साल में 102 से बढ़कर 166 हो गई है. कांग्रेस नेता ने जीएसटी कलेक्शन का भी हवाला देते हुए दावा किया कि यह भी मुख्य रूप से निम्न और मध्यम वर्ग के लोगों से एकत्र किया जा रहा.

उन्होंने खुलासा किया कि देश की केवल 3 प्रतिशत संपत्ति के साथ सबसे नीचे की 50 प्रतिशत आबादी जीएसटी में 64 प्रतिशत योगदान दे रही है, जबकि मध्यम वर्ग का योगदान 40 प्रतिशत है. कांग्रेस प्रवक्ता ने दावा किया कि इसकी तुलना में देश की 80 फीसदी संपत्ति के मालिक सबसे अमीर लोग महज 3-4 फीसदी योगदान दे रहे हैं. उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि सकल घरेलू उत्पाद का उपभोग अनुपात भी 61 प्रतिशत से घटकर 60 प्रतिशत हो गया है.

श्रीनेत ने रसोई गैस, पेट्रोल और डीजल की कीमतों के बारे में बात करते हुए कहा कि भारत में गैस सिलेंडर दुनिया में सबसे महंगा है, जबकि पेट्रोल तीसरे और डीजल दुनिया में आठवां सबसे महंगा है.

– भारत एक्सप्रेस



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