अयोध्या में राम मंदिर का हो रहा है निर्माण
Ayodhya: भगवान राम की नगरी अयोध्या में राम मंदिर का तेजी से निर्माण कार्य आगे बढ़ रहा है. शनिवार को इसका निरीक्षण करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गए थे. वहीं प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर भी तैयारी तेज है. जनवरी में मंदिर का उद्घाटन होने के साथ ही प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होगा. इसको लेकर मुख्यमंत्री ने सम्बंधित अधिकारियों से अयोध्या में निर्माण कार्य को निश्चित समय सीमा में गुणवत्ता के साथ पूरा करने कि निर्देश दिया है. जानकारी के मुताबिक, 75 कलाकार “राम: द मैन एंड हिज आइडिया” को लेकर कार्यक्रम की प्रस्तुति देंगे. इस दौरान भगवान राम के दर्शनशास्त्र और मानवीय पक्ष को भी दर्शाया जाएगा.
रामलला के विराजमान होने के समय प्रदर्शनी का भी होगा आयोजन
मीडिया सूत्रों के मुताबिक, जिस समय मंदिर के गर्भगृह में राम लला की मूर्ति स्थापित की जाएगी, उसी दौरान मंदिर परिसर में एग्जीबिशन भी दिखाया जाएगा, जिसे ‘राम: द मैन एंड हिज आइडिया’ थीम पर तैयार किया जा रहा है. इसके लिए केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय की ललित कला अकादमी के कलाकारों को चुना गया है और उनको इसकी पूरी तैयारी करने के लिए 2 हफ्ते का समय दिया जाएगा. यानी मंदिर उद्घाटन तक उनको इसका कार्य पूरा कर लेना होगा. वहीं ये भी जानकारी सामने आ रही है कि, इस कार्यक्रम में 75 कलाकार हिस्सा लेंगे, जिनमें से अभी वासुदेव कामथ, धर्मेंद्र राठौड़, अद्वैत गडनायक और हर्षवर्षण शर्मा का नाम फाइनल हुआ है. बता दें कि ये कलाकार भगवान राम को लेकर यह प्रदर्शनी तैयार करेंगे.
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कलाकृतियों से सजेगा मंदिर परिसर
वहीं उद्घाटन अवसर पर मंदिर परिसर में कलाकृतियों की प्रदर्शनी भी लगेगी. इसको लेकर अकादमी के अध्यक्ष वी नागदास ने मीडिया को जानकारी दी है. दशकों के संघर्ष के बाद राम मंदिर का निर्माण कार्य हो रहा है और यह हर भारतीय नागरिक की आकांक्षाओं की प्राप्ति है. इसके साथ बताया कि उद्घाटन अवसर के लिए एक बडे़ कार्यक्रम की योजना बनाई जा रही है. इस कार्यक्रम का उद्देश्य रामायण के आदर्शों के माध्यम से प्रेम और सामाजिक सद्भाव के सिद्धांतों को बढ़ावा देना है. इसी के साथ उन्होंने बताया कि एग्जिबिशन के दौरान लगाई जाने वाली आधी कलाकृतियों को अकादमी के स्थायी संग्रह में सजाया जाएगा और शेष को मंदिर परिसर में ही प्रदर्शनी के लिए रखा जाएगा.
मिली जानकारी के मुताबिक अकादमी के अध्यक्ष वी नागदास खुद भी एक चित्रकार हैं और वह प्रिंटमेकर भी हैं. पहली बार अकादमी उनके नेतृत्व में किसी खास मौके पर यह मेगा प्रोजेक्ट करने जा रही है. मीडिया सूत्रों के मुताबिक, हाल ही में उनको अकादमी का प्रमुख नियुक्त किया गया था. इससे पहले वह छत्तीसगढ़ के इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय में दृश्य कला संकाय ने तैनात थे औऱ नेतृत्व किया.
प्रदर्शनी तैयारी को लगेंगे 10 से 14 दिन
प्रदर्शनी की तैयारी को लेकर वी नागदास ने मीडिया को जानकारी दी कि, एग्जिबिशन तैयार करने वालों की फाइनल लिस्ट को लेकर तैयारी जारी है. अभी कलाकारों को शार्टलिस्ट करना बाकी है. इस के साथ प्रदर्शनी तैयार करने को लेकर सम्बंधित अधिकारियों ने जानकारी दी कि, प्रदर्शनी के लिए विभिन्न विचारों और विचारधारा वाले कलाकारों को एक साथ एक ही मंच पर लाने का प्रयास किया जा रहा है. इसी के साथ इस कार्यक्रम को लेकर आगे जानकारी आई है कि, ऑन-साइट परियोजना दिसंबर के मध्य में शुरू हो जाएगी और आर्टिस्ट्स को दो ऐक्रेलिक-ऑन-कैनवास कलाकृतियां बनाने के लिए 10-14 दिनों का समय दिया जाएगा. वहीं प्रदर्शनी को लेकर जानकारी सामने आई है कि, कलाकार अपने पौराणिक अनुभव को प्रदर्शनी के जरिए प्रस्तुत करेंगे. हालांकि, कलाकारों को रामायण के स्वीकृत संस्करणों के अलावा कोई अन्य कलाकृति प्रदर्शित करने की अनुमति नहीं दी गई है. तो वहीं प्रदर्शनी का संचालन दिल्ली स्थित कला क्यूरेटर जॉनी एमएल करेंगे. जानकारी सामने आई है कि जॉनी एमएल ललित कला अकादमी में संपादक के तौर पर भी काम करते हैं.