Bharat Express

मध्यप्रदेश का बदला लोकसभा चुनाव में लेंगे अखिलेश? कांग्रेस का किला भेदने के लिए कर रहे इस रणनीति पर काम

SP vs Congress: उत्तर प्रदेश में फिलहाल में कांग्रेस की स्थिति कुछ खास नहीं है. उसका सिर्फ अमेठी और रायबरेली में थोड़ा अच्छा जनाधार है.

अखिलेश यादव (फोटो सोशल मीडिया)

MP Assembly Elections 2023: 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और सपा के बीच सियासी लड़ाई इतनी तेज हो गई है कि अब इसकी आंच गठबंधन ‘इंडिया’ तक पहुंच चुकी है. मध्यप्रदेश में कांग्रेस और सपा के बीच टिकट को लड़ाई चल रही है. वहीं इससे यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव काफी गुस्से में है. उन्होंने कांग्रेस के नेता को चिरकुट तक कह दिया था और यह साफ कर दिया था कि जब लोकसभा चुनाव में कांग्रेस इधर आएगी तो हम देख लेंगे. सपा नेता के इस बयान के बाद से सियासत अपने चरम पर है.

वहीं कांग्रेस ने भी अखिलेश यादव के बयान पर याद दिलाते हुए कहा कि उन्होंने तो अपने पिता तक को सम्मान नहीं दिया था. इस बीच अखिलेश यादव ने भी यूपी में कांग्रेस के गढ़ में बड़ा कदम उठाने जा रहे हैं. ऐसी खबरें है कि पूर्व सीएम ने अमेठी और रायबरेली के पार्टी नेताओं को लखनऊ बुलाया है. अगर ऐसा है तो एक बार अखिलेश कांग्रेस के गढ़ के करीब जाने की सोच रहे हैं. जो बाकयी में कांग्रेस के लिए दिक्कत पैदा कर सकता है.

बिना सपा के सहारे अपने गढ़ में कैसे जीतेगी कांग्रेस?

बता दें कि उत्तर प्रदेश में फिलहाल कांग्रेस की स्थिति कुछ खास नहीं है. उसका सिर्फ अमेठी और रायबरेली में थोड़ा अच्छा जनाधार है, लेकिन वहां भी उसे जीतने के लिए सपा की जरुरत पड़ती है. लेकिन इस बार मध्यप्रदेश में सपा के साथ लड़ाई के बाद कांग्रेस रायबरेली और अमेठी में अकेले कितना कमाल दिखा पाएगी ये देखना दिलचस्प होगा. अगर कांग्रेस और सपा के बीच जल्दी कुछ समाधान नहीं निकाला तो विपक्षी गठबंधन को बड़ा झटका लगेगा, क्योंकि प्रदेश में बीजेपी को हराने के लिए विपक्षी गठबंधन इंडिया ने संकल्प लिया है.

यह भी पढ़ें- MP Elections 2023: “भारत गरीबी भी दूर करेगा और विकसित भी बनेगा,” ग्वालियर में बोले PM मोदी

रायबरेली में सोनिया ज्यादा सक्रिय नहीं

2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को अपनी परंपरागत सीट अमेठी को गंवाना पड़ा था. वहीं पार्टी सिर्फ रायबरेली से ही सीट को बचा पाई थी. ऐसे में 2024 में कांग्रेस को सपा की सहारे की जरुरत पड़ेगी. क्योंकि अमेठी में बीजेपी पहले से ही सक्रिय है. वहीं रायबरेली में सोनिया गांधी ज्यादा सर्किय नहीं हैं. ऐसे में बिना सपा के कैसे कांग्रेस अपने गढ़ को बचा पाएगी.

अगर अमेठी और रायबरेली से विधानसभा सीटों की बात की जाए तो कांग्रेस यहां शून्य पर है. वहीं सपा अमेठी की पांच सीटों में से 2 और रायबरेली की पांच में 4 सीटों पर काबिज है.

– भारत एक्सप्रेस

Also Read