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MP Elections: चुनाव प्रचार से पहले हिमालय चलीं उमा भारती, अपनी ही सरकार के गिनाए अधूरे काम, बोलीं- मैं प्रर्थना करूंगी कि…

Uma Bharti: पूर्व सीएम उमा ने सोशल मीडिया पर लिखते हुए आगे कहा- मैं पूरी मेहनत करूंगी और भगवान से प्रार्थना भी करती हूं कि हमारी सरकार बने और हम सबकी अधूरी रह गई आकांक्षाओं को पूरा करें.

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उमा भारती (फोटो-फाइल)

MP Elections 2023: मध्यप्रदेश में चुनाव प्रचार को लेकर काफी शोर मचा हुआ है. सभी राजनीतिक पार्टियां इसके लिए तैयारियों में जुटी हुई हैं. वहीं दूसरी तरफ बीजेपी की दिग्गज नेता और प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के बीच में दूरी देखने को मिल रही है, क्योंकि उमा भारती ने चुनाव प्रचार के समय हिमालय जाने का ऐलान कर दिया है. उन्होंने इस बात की जानकारी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर दी है. उमा के इस फैसले को बीजेपी से नाराजगी के तौर पर देखा जा रहा है.

हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी साफ नहीं किया है कि वह आगे चुनाव प्रचार में शामिल होंगी या नहीं, लेकिन उन्होंने इतना जरुर कहा कि वह पार्टी के जीत के प्रार्थना जरुर करेंगी.

रामराजा सरकार को माथा टेक निकल जाउंगी

उमा भारती ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा कि आज अपने जन्म स्थान ग्राम डूंडा, जिला टीकमगढ़ के लिए निकल जाऊंगी और आज से लेकर कल चतुर्दशी तक अपने मातृ कुल एवं पितृ कुल की कुल देवियों को प्रणाम करते हुए ओरछा रामराजा सरकार को माथा टेक कर हिमालय के लिए निकल जाऊंगी.

सीएम शिवराज की तारीफ, लेकिन अधूरे काम भी गिनाए

उमा भारत कहती हैं कि इस साल में शिवराज ने एक आदर्श शराब नीति लाकर अभिनंदनीय कार्य किया है. इन साढे तीन सालों के सीएम शिवराज के कार्यकाल में कई जनकल्याणकारी कार्यों की भी शुरुआत हुई. उन्होंने आगे कहा कि हमारी पार्टी के लगभग सभी उम्मीदवार घोषित हो गए, अभी मध्य प्रदेश में हमारी पार्टी का घोषणा पत्र आना बाकी है जिसके आधार पर हमारी पार्टी जनादेश मांगेगी.

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सरकार के गिना दिए अधूरे काम

पूर्व सीएम उमा ने सोशल मीडिया पर लिखते हुए आगे कहा- मैं पूरी मेहनत करूंगी और भगवान से प्रार्थना भी करती हूं कि हमारी सरकार बने और हम सबकी अधूरी रह गई आकांक्षाओं को पूरा करें. इसके बाद उन्होंने सिलसिले बार तरीके से सरकार के रह गए अधूरे काम गिनाए. उन्होंने प्वाइंट्स में लिखा…

1.  केन-बेतवा रिवर लिंक जो लगभग 2017 से शिलान्यास के लिए तैयार है.

2. गौ संवर्धन, गौ रक्षण के उपाय संतोषजनक स्थिति तक नहीं पहुंच पाए.

3. पंच – ज अभियान संपूर्णता से नहीं हुआ, टुकड़ों में हुआ.

4. धार भोजशाला की सरस्वती माई राज्य और केंद्र में हमारी सरकार होते हुए भी अपनी गद्दी पर वापस नहीं लौट सकीं.

5. रायसेन के सोमेश्वर एवं विदिशा की विजया देवी के मंदिर के पट नहीं खुल सके जबकि हमारे केंद्रीय नेतृत्व के एक महत्वपूर्ण पदाधिकारी ने मुझे इसका आश्वासन दिया था.

इसके बाद उमा आगे लिखती हैं कि अंत में मैं इस निष्कर्ष पर हूं कि 2003 से अभी तक डेढ़ साल को छोड़कर हमारी ही सरकार रही. लोगों के जिन सपनों को पूरा करने के लिए हमने कांग्रेस को 20 साल पहले ध्वस्त किया था, वह सपने कितने पूरे हुए उस पर अभी और आत्म चिंतन मैं अभी कुछ दिन हिमालय में बद्री–केदार के दर्शन करते समय करूंगी. अपनी जन्मभूमि के दो दिन के प्रवास पर मैं चुनावी आचार संहिता के सभी नियमों का पालन करूंगी..

– भारत एक्सप्रेस

 



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