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CM नीतीश का बड़ा दांव, विधानसभा में 75% तक आरक्षण का दायरा बढ़ाने का रखा प्रस्ताव, जानें किस जाति को कितना मिलेगा लाभ

Reservation in Bihar: सदन में पेश जाति आधारित गणना की रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार में अनुसूचित जनजाति में 42.70 फीसदी गरीब परिवार हैं.

सीएम नीतीश कुमार

Bihar caste Reservation: बिहार में शीतकालीन सत्र की शुरुआत हो चुकी है. मंगलवार को सदन में जातीय जनगणना के डिटेल रिपोर्ट पेश की गई. सत्र में इस पर चर्चा के दौरान सीएम नीतिश कुमार ने बड़ा ऐलान किया. उन्होंने राज्य में आरक्षण का दायरा बढ़ाकर 50 से 75 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा. उन्होंने कहा कि पिछड़े वर्गों के लिए 50 फीसदी का आरक्षण खत्म कर देना चाहिए. उन्होंने कहा कि सदन में 50 से 65 फीसदी तक बढ़ाने की बात रखी. इसके अलावा उन्होंने कहा कि कमजोर आर्थिक वर्ग (EWS) को अलग से मिलने वाले 10 प्रतिशत को मिलाकर यह 75 प्रतिशत तक हो जाएगा.

सदन में पेश जाति आधारित गणना की रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार में अनुसूचित जनजाति में 42.70 फीसदी गरीब परिवार हैं. जबकि अनुसूचित जाति के कुल 42.93 प्रतिशत गरीब परिवार हैं.

आरक्षण पर आया नया प्रस्ताव

नीतीश सरकार ने सदम में जो रिपोर्ट पेश की है उसमें अनुसूचित जाति को 4 प्रतिशत तक आरक्षण बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया है. यानी कि फिलहाल उन्होंने 16 फीसदी मिलता है तो इस बढ़ाकर 20 फीसदी करने का प्रस्ताव रखा गया है. इसके अलावा अत्यंत पिछड़ा वर्ग और पिछड़ा वर्ग को फिलहाल 30 फीसदी आरक्षण मिलता है तो इसे 13 प्रतिशत बढ़ाकर 43 फीसदी करने का प्रस्ताव रखा गया है. वहीं अनुसूचित जनजाति के लिए 2 प्रतिशत कोटा का प्रस्ताव रखा गया है. साथ ही कमजोर आर्थिक वर्ग के लिए पहले से ही 10 प्रतिशत का आरक्षण रखा गया है.

जाति आधारित जनगणना हुई नहीं तो फिर कैसे…

वहीं जाति आधारित सर्वेक्षण पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, “कुछ लोग कहते हैं कि इस जाति की जनसंख्या बढ़ गई या घट गई लेकिन ये बताइए कि जब इससे पहले जाति आधारित जनगणना नहीं हुई है तो आप कैसे कह सकते हैं कि इस जाति की संख्या बढ़ गई या घट गई?  हम शुरूआत से केंद्र सरकार से कहते आए हैं कि वे भी जातिगत जनगणना करें. 2022-2021 में जो जनगणना होनी थी वो नहीं हुई तो जितना जल्दी हो सके शुरू करें.”

– भारत एक्सप्रेस

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