देश की पहली महिला महावत पार्वती बरुआ और जागेश्वर यादव समेत 34 हस्तियों को अवॉर्ड दिया गया है
Padma Award 2024 : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कारों घोषणा कर दी. जिन शख्सियतों को ये पुरस्कार मिलने वाला है, उनमें कई चेहरे गुमनाम से लगते हैं, लेकिन उनकी मेहनत और समर्पण से अब दुनिया वाकिफ होगी.
पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किए जाने वाली शख्सियतों में पार्वती बरुआ (पहली महिला महावत), जागेश्वर यादव (आदिवासी कार्यकर्ता), चामी मुर्मू (जनजातीय पर्यावरणविद् एवं महिला सशक्तिकरण) सहित 34 नाम शामिल हैं.
देश की पहली महिला महावत होंगी पद्मश्री से सम्मानित
पार्वती बरुआ नाम की महिला असम से हैं.वह 67 वर्ष की हैं. उन्हें सामाजिक कार्य (पशु कल्याण) के क्षेत्र में पद्मश्री से नवाजा गया है. वह देश की पहली महिला महावत मानी गई हैं. गौरीपुर के एक राजघराने से ताल्लुक रखने वाली पार्वती बरुआ को शुरू से ही जानवरों से खास लगाव था. खासतौर पर हाथियों से…उनका यही प्यार उनकी जिंदगी का लक्ष्य बन गया.
28 हजार महिलाओं को स्वरोजगार दे चुकीं चामी मुर्मू
पद्म श्री पाने वाली एक शख्सियत चामी मुर्मू हैं. वह पिछले 28 सालों में 28 हजार महिलाओं को स्वरोजगार दे चुकी हैं. उनको देश में नारी शक्ति पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर 2019 में राष्ट्रपति भवन में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें यह सम्मान दिया था.
आदिवासी जागेश्वर यादव ने पिछडे इलाके में की जनसेवा
छत्तीसगढ़ राज्य के जशपुर से आदिवासी कल्याण कार्यकर्ता जागेश्वर यादव भी पद्मश्री से सम्मानित होंगे. छत्तीसगढ़ के जागेश्वर यादव 67 साल के हैं. उन्हें सामाजिक कार्य (आदिवासी – पीवीटीजी) के लिए पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा है. उन्होंने बिरहोर और पहाड़ी कोरवा लोगों के उत्थान के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया.
4. गुरविंदर सिंह – सिरसा के दिव्यांग सामाजिक कार्यकर्ता, जिन्होंने बेघरों, निराश्रितों, महिलाओं, अनाथों और दिव्यांगजनों की बेहतरी के लिए काम किया. उन्होंने बाल गोपाल धाम नामक बाल देखभाल संस्थान की स्थापना करके 300 बच्चों के सपनों को संजोया.
5. सत्यनारायण बेलेरी – केरल-कासरगोड के किसान, जो 650 से अधिक पारंपरिक चावल किस्मों को संरक्षित करके धान की फसल के संरक्षक के रूप में पहचाने गए. उन्होंने 3 राज्यों – कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में उत्पादन और संरक्षण को बढ़ावा देते हुए ‘राजकायम’ चावल को सफलतापूर्वक उगाया.
6- दुक्खू माझी, 78 वर्ष, पश्चिम बंगाल सोशल वर्क (पर्यावरण)
7- के चेल्लामल, 69 साल, अंडमान एंड निकोबार (एग्रीकल्चर)
8- संगथंकिमा, 63 साल, मिजोरम, सोशल वर्क (चिल्ड्रन)
9- हेम चंद्र माझी, 70 साल, छत्तीसगढ़ (आयुष)
10- यानुंग जमोह लेगो, 58 साल, अरुणाचल प्रदेश (एग्रीकल्चर)
11- सोमन्ना, 66 वर्ष, कर्नाटक, सोशल वर्क (आदिवासी)
12- सर्वेश्वर बासुमेतेरी, 61 वर्ष, असम, (एग्रीकल्चर)
13- प्रेमा धनराज, 72, कर्नाटक (मेडिसिन)
14- उदय विश्वनाथ देश पांडेय, 70 वर्ष, महाराष्ट्र (मलखंभ कोच)
15- याज्की मॉनेकशॉ इटालिया, 72 वर्ष, गुजरात (Indigenous-Sickle Cell)
16- शांति देवी पासवान और शिवान पासवान, मधुबनी बिहार (पेंटिंंग)
17- रतन कहार, 88 वर्ष, पश्चिम बंगाल, कला (लोकगीत गायन)
18- अशोक कुमार बिस्वास, 67 वर्ष, बिहार (पेंटिंंग)
19- बालाकृष्णा सदानाम पुथिया वीतिल, 79 वर्ष, केरल, आर्ट, ( कथककली)
20- उमा माहेश्वरी डी, 63 वर्ष, आंध्रप्रदेश, कला (स्टोरी टेलिंंग)
21- गोपीनाथ स्वेन, 105 वर्ष, उड़ीसा, आर्ट (भजन गायन)
22- स्मृति रेखा चाखमा, 63 वर्ष, त्रिपुरा आर्ट (टेक्सटाइल)
23- ओम प्रकाश शर्मा, 85 वर्ष, मध्य प्रदेश आर्ट (थिएटर-फॉक)
24- नारायन EP, 67 वर्ष, केरल कला (डांस)
25- भागवत प्रधान, 85 वर्ष, उड़ीसा, कला (डांस)
26- सनातन रुद्र पाल, 68 वर्ष, पश्चिम बंगाल, कला (स्कल्पचर)
27- बद्रप्पन M, 87 वर्ष, तमिलनाडु, कला (डांस)
28- जॉर्डन लेपचा, 50 वर्ष, सिक्किम, कला (क्राफ्ट)
29- माचिहान सासा, 73 वर्ष, मणिपुर, कला (क्राफ्ट)
30- गद्दम समैया, तेलंगाना, 67 वर्ष, कला (डांस)
31- जानकी लाल, उम्र 81 वर्ष राजस्थान, कला (थिएटर)
32- दासारी कोंडप्पा, उम्र 63 वर्ष, तेलंगाना, कला (इंस्ट्रूमेंट)
33- बाबूराम यादव, उम्र 74 वर्ष, उत्तर प्रदेश, कला (क्राफ्ट)
34- नेपाल चंद्र सूत्राधार, उम्र 82 वर्ष, पश्चिम बंगाल, कला (मास्क मेकिंंग)
यह भी पढिए- 75th Republic day: ‘भारत को लोकतंत्र की जननी कहा जाता है..’, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का देश के नाम संबोधन
इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.