स्टालिन और अन्नामलई।
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव—2024 के पहले चरण में 102 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान के साथ सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा के लिए काफी कुछ दांव पर लगा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में भाजपा का एनडीए गठबंधन ने ‘अबकी बार—400 पार’ का नारा लगाया था। वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस की अगुवाई वाले विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (‘इंडिया’) के लिए भी चुनौती कम नहीं है, जिसके कई घटक दल अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं और 2014 तथा 2019 के चुनावों में हार के बाद वापसी की उम्मीद कर रहे हैं.
दोनों गठबंधनों के बीच पहला बड़ा सियासी मुकाबला भारत के सबसे दक्षिणी राज्य तमिलनाडु में होने जा रहा है. आज तमिलनाडु की सारी सीटों पर एक ही दिन में मतदान हो जाएगा. एक ओर जहां जे. जयललिता की मौत के बाद मुख्य विपक्षी दल अन्ना द्रमुक संघर्ष कर रहा है तो वहीं भाजपा के जोरदार प्रयासों ने तमिलनाडु में चुनावी मुकाबले को रोमांचक बना दिया है.
चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने कहा कि तमिलनाडु राज्य में सभी 39 लोकसभा सीटों पर शुक्रवार को मतदान होगा. भाजपा 2019 के लोकसभा चुनाव में राज्य में अपना खाता भी नहीं खोल पायी थी. मोदी ने भाजपा का नेतृत्व करते हुए चुनाव की घोषणा से काफी पहले ही राज्य के कई दौरे किए और वहां पर कई रैलियां तथा रोड शो भी कर रहे हैं.
कुछ छोटे दलों को अपने पाले में शामिल करने वाली भाजपा भ्रष्टाचार के अलावा सनातन धर्म के कथित अपमान के लिए सत्तारूढ़ द्रमुक मुन्नेत्र कषगम को सीधी चुनौती देकर उस राज्य की पारंपरिक राजनीति को पलटना चाहती है जो अभी तक हिंदुत्व की राजनीति से उदासीन रहा है.
राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने राज्य में भाजपा के मत प्रतिशत में बड़ी वृद्धि का अनुमान जताया है जबकि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलई ने दावा किया कि राज्य में उसकी सीटें दोहरे अंकों में आएगी.
यह ऐसा राज्य है जहां भाजपा ने अन्नामलई के प्रतिनिधित्व में अपने क्षेत्रीय नेतृत्व पर काफी भरोसा किया है. राजनीति में आने के लिए भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) से इस्तीफा देने वाले अन्नामलई कोयंबटूर से चुनाव लड़ रहे हैं. चार जून को जब राज्य में नतीजे आएंगे तो इसका व्यापक असर होगा.
यदि तमिलनाडु में भाजपा की महत्वाकांक्षाओं और अपील की एक परीक्षा है तो पहले चरण में अन्य क्षेत्रों में भी कई और समीकरण बन रहे हैं. भाजपा की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने 2019 में इन 102 सीटों में से 39 पर जीत हासिल की थी जिनमें राजस्थान, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल में क्रमश: 12, पांच और तीन सीटें शामिल हैं. उसके मौजूदा सहयोगियों के पास इनमें से सात सीटें हैं.
— भारत एक्सप्रेस
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