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Har Har Mahadev: सावन के महीने में कीजिए भगवान शिव की इन प्रतिमाओं के दर्शन, हजारों साल से स्‍थापित हैं कई मंदिर

Lord Shiva famous statues in india : भगवान शिव की पूजा-अर्चना के लिए पवित्र माने जाने वाला सावन का महीना चल रहा है. यदि इन दिनों आप भगवान शिव की विशाल प्रतिमाओं के दर्शन करना चाहते हैं तो यह आलेख पढिए-

lord shiva temple

भारत भूमि पर भगवान शिव की प्रसिद्ध प्रतिमाएं

Lord Shiva statues: सावन का महीना चल रहा है. ऐसे में भक्त भगवान शिव के रंग में रंगे हैं. सभी अपने-अपने तरीके से भोले शंकर को रिझाने में लगे हुए हैं. सावन का महीना भोले की भक्ति के लिए बेहद खास माना जाता है.

सावन का पूरा महीना वैसे तो शिव भक्ति के लिए बेहद खास माना जाता है, मगर इस माह में जितने भी सोमवार पड़ते हैं उनका एक खास महत्व होता है. ऐसे में शिवालयों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है. देश भर में भगवान शिव के अनेक मंदिर हैं, जिनका अपने-आप में विशेष महत्व है. आज हम आपको भगवान शिव की उन खास पांच विशाल प्रतिमाओं के बारे में बताने जा रहे हैं जो अपनी भव्यता के लिहाज से भी काफी खास हैं.

lord shiva

भगवान शिव की 5 विशाल और प्राचीन प्रतिमाएं

सबसे पहले राजस्थान के उदयपुर का स्थान आता है. उदयपुर से करीब 50 किलोमीटर दूर स्थित इस प्रतिमा की ऊंचाई 351 फुट है. श्री नाथद्वारा के गणेश टेकरी पहाड़ी में स्थित यह प्रतिमा 20 किमी दूर से ही दिख जाती है. यह विश्व की सबसे ऊंची महादेव की प्रतिमाओं में गिनी जाती है. यहां भगवान शिव ध्यान मुद्रा में विराजमान हैं. यह बेहद अद्भुत और खास तरह की प्रतिमा है.

Udaipur 351 feet lord shiva

ढाई हजार साल तक ऐसे ही खड़ी रहेगी ये प्रतिमा

इस प्रतिमा को राजस्थान के पिलानी के रहने वाले मूर्तिकार नरेश कुमार ने तैयार किया था. कहा जाता है कि भगवान की यह प्रतिमा ढाई हजार साल तक भी इसी तरह खड़ी रहेगी.

यहां भक्‍तों को ध्यान मुद्रा में दिखेंगे भगवान शिव

भगवान शिव की विशाल प्रतिमाओं में दूसरे स्थान पर कर्नाटक के मुरुदेश्वरा का नाम आता है. दक्षिण भारत के कर्नाटक राज्य में मुरुदेश्वर उत्तर कन्नड़ जिले के भटकल तहसील का एक कस्बा है, जो अरब सागर के तट पर स्थित है. यहां भी भगवान शिव ध्यान मुद्रा में दिखाई देते हैं. प्रतिमा की ऊंचाई 37 मीटर अर्थात लगभग 123 फुट है.

Murudeshwara_Temple_Bholenath Karnataka

तीन ओर से पानी से घिरा यह मुरुदेश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित है. इसका संबंध रामायण काल से बताया जाता है. किंवदंती है कि जब रावण भगवान शिव को प्रसन्न करके उनके आत्मलिंग को अपने साथ लंका ले जा रहा था तभी उसे जमीन पर रख मात्र देने से ही वह यहां स्थापित हो गया था. इस प्रतिमा की खास बात यह है कि इसे इस तरीके से वहां स्थापित किया गया है कि सूर्य की किरणें दिनभर इस पर पड़ती रहें. इस मंदिर की मान्‍यता इतनी है कि यहां विदेशों से भी बड़ी संख्या में लोग आते हैं.

हरिद्वार में गंगा नदी के तट पर हर की पौड़ी

तीसरे स्थान पर हर की पौड़ी, हरिद्वार में स्थित भगवान शिव की 30.5 मीटर ऊंची प्रतिमा है. यह गंगा नदी के तट पर हर की पौड़ी के पास बनाई गई है. यहां भगवान शिव अपनी खड़ी मुद्रा में दिखाई देते हैं. यह इतनी ऊंची प्रतिमा है कि आप से इसे काफी दूर से भी आसानी से देख पाते हैं.

lord shiva statue

12 ज्योतिर्लिंगों में से दो गुजरात में स्‍थापित

अगली प्रतिमा गुजरात के दारूकावन में नागेश्वर महादेव में स्थित है. इस प्रतिमा की ऊंचाई 82 फुट है. भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से दो गुजरात में हैं. यहां इस मंदिर का आकार पहले बहुत कम था. बाद में इसे बढ़ा दिया गया. यहां भगवान शिव की विशालकाय मूर्ति जमीन से 82 फुट ऊंची और 25 फुट चौड़ी है.

lord shiva statue

यहां विश्राम मुद्रा में हैं भगवान बेलीश्वर महादेव

5वीं प्रतिमा ओडिशा के भंजनगर, जिला गंजम में बेलीश्वर महादेव मंदिर में है। इस प्रतिमा की ऊंचाई 61 फुट है. इस मूर्ति का अनावरण 6 मार्च 2013 को किया गया था. इस विशाल प्रतिमा में भगवान शिव को विश्राम मुद्रा में देखा जा सकता है.

lord shiva statue

यह प्रतिमा इतनी सुंदर है कि इसके दर्शन मात्र से ही भक्तों के मन प्रसन्न हो जाते हैं.

– भारत एक्‍सप्रेस



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