लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव
Land For Job Scam Bihar: ‘नौकरी के बदले जमीन’ घोटाला मामले में बिहार के सबसे बड़े सियासी कुनबे ‘लालू परिवार’ की मुसीबतें फिर बढ़ने लगी हैं. अदालत ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, उनके बेटे तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव के अलावा कई करीबियों को पेशी के लिए कहा है.
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, ऐसा पहली बार हुआ है जब नौकरी के बदले जमीन मामले में तेजप्रताप यादव को तलब किया गया है. उनके अलावा अदालत ने अखिलेश्वर सिंह, हजारी प्रसाद राय, संजय राय, धर्मेंद्र सिंह और किरण देवी को भी 7 अक्टूबर को तलब किया है.
ANI ने बताया कि दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने ‘नौकरी के बदले जमीन’ से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव, पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, तेजप्रताप यादव के अलावा अखिलेश्वर सिंह एवं उनकी पत्नी किरण देवी को भी समन भेजा है. और, जो एके इंफोसिस लिमिटेड के निदेशक भी थे. उन्हें भी समन भेजा गया है.
क्या है ‘नौकरी के बदले जमीन घोटाला’?
‘नौकरी के बदले जमीन घोटाला’ मामला बिहार के इतिहास में सबसे चर्चित कांडों में से एक है. इसमें लालू परिवार पर रेलवे में नौकरी के बदले लोगों से जमीन लेने या उनके परिवार को बेचने के लिए दबाव डालने का आरोप है. यह उस समय की बात है, जब लालू यादव साल 2004 से 2009 तक केंद्र की मनमोहन सिंह सरकार में रेल मंत्री थे. उन पर CBI ने अपनी चार्जशीट में यह आरोप लगाया है कि लालू यादव के कार्यकाल के दौरान रेलवे में नियमों को ताक पर रखकर भर्तियां की थीं.
जांच एजेंसी CBI ने बताया था कि बिहार में लोगों ने नौकरी पाने के लिए बहुत ही कम कीमतों (बाजार भाव से 5 गुना कम दाम) पर लालू परिवार को अपनी जमीनें बेच दी थीं. इसमें कुछ जमीनें सीधे लालू यादव के परिवार के नाम हुईं, जबकि कुछ उनके करीबी रिश्तेदारों और परिवार के सदस्यों के नाम करा दी गई थीं. CBI की चार्जशीट में आरोप लगाया कि बिहार के कई लोगों को साल 2004 से 2009 के बीच देश के अलग-अलग हिस्सों में ग्रुप-डी की पोस्ट पर भर्ती किया गया था.
— भारत एक्सप्रेस
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