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BJP Foundation Day: भारतीय जनता पार्टी आज देशभर में अपना 44वां स्थापना दिवस मना रही है. इस मौके पर बीजेपी ने कई खास तरह की तैयारियां भी की हैं. स्थापना दिवस के मौके पर बीजेपी एक सप्ताह पर देशभर में अलग-अलग कार्यक्रम आयोजन करेगी. इसके साथ ही आज गुरुवार को कई कार्यक्रम किए जाएंगे. दिल्ली स्थित बीजेपी कार्यालय पर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ध्वाजारोहण किया. जिसके बाद बीजेपी के सभी जिला अध्यक्ष ध्वजारोहण करेंगे.
बीजेपी आज दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बन गई है. हालांकि बीजेपी का यहां तक सफर आसान नहीं रहा है. एक समय था जब बीजेपी अपने अस्तिस्व की लड़ाई लड़ रही थी. वो देश में अपना वर्चस्व बढ़ाने की कोशिश कर रही थी. आइए आपको बीजेपी के पूरे सफर के बारे में बताते हैं, कब से बीजेपी की शुरुआत हुई और कैसे अब दुनिया की सबसे बनी पार्टी बनकर उभरी है. बीजेपी की शुरुआत महज 2 सीटों से हुई थी, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में उसके 303 सीटें हासिल हुईं.
साल 1980 में बनी बीजेपी पार्टी
भारतीय जनता पार्टी (BJP) की स्थापना 6 अप्रैल 1980 को हुई थी. हालांकि इसका इतिहास बहुत पुराना है. BJP का इतिहास जनसंघ से जुड़ा हुआ है. डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार को लेकर जवाहरलाल नेहरू मंत्रिमंडल से इस्तीफा देकर कांग्रेस से अलग हो गए थे. और उन्होंने 1951 में जनसंघ की शुरुआत की थी. लेकिन जनसंघ को शुरुआत में कोई सफलत हाथ नहीं लगी. 1952 के लोकसभा चुनाव में BJS को केवन तीन सीटें मिलीं और इसके अगले चुनाव में 4 सीटें मिलीं. जिसके बाद धीरे-धीरे जनता दल आगे बढ़ती गई.
कैसे हुआ पार्टी का गठन ?
देश में आपातकाल खत्म होने के बाद 1977 में इंदिरा गांधी (उस समय की प्रधानमंत्री) ने चुनाव कराने का फैसला किया. तब जयप्रकाश नारायण के आह्वान पर सभी कांग्रेस-विरोधी दल एकजुट हुए और ‘जनता पार्टी’ बनाई. 1 मई 1977 को भारतीय जनसंघ का जनता पार्टी में विलय हुआ. तब जनता दल पार्टी को बड़ी सफलता हाथ लगी और मोरारीजी देसाई को प्रधानमंत्री बनाकर केंद्र में सरकार बनाई. हालांकि यह सरकार ज्यादा समय तक नहीं चल पायी और तीन साल 1980 में पार्टी के अंदर ही बवाल होने लगा. जिसके चलते मोरारजी देसाई को 1980 में इस्तीफा देना पड़ा और नए चुनाव हुए. उस समय जनता पार्टी 1980 में खत्म हुई और इसके सदस्यों ने नयी पार्टी बीजेपी का गठन किया. उसके समय बिहारी वाजपेयी पार्टी के अध्यक्ष बने.
2 सीट से 303 सीटों तक कैसे बढ़ा बीजेपी का ग्राफ ?
पार्टी के गठन बाद 1984 में पहला चुनाव लड़ा और करारी हार से भाजपा को बड़ा टका लगा. बीजेपी को सिर्फ 2 सीटों पर संतोष करना पड़ा. हालांकि उसके बाद उसे अलगे लोकसभा चुनाव में 85 सीटों मिलीं. जिससे उसका हौसला बढ़ने लगा. फिर शुरू हुआ 1990 का दशक, और राम मंदिर का बिगुल फूंकने लगा और राम मंदिर आंदोलन के साथ ही बीजेरपी का ग्राफ लगातार ऊपर चढ़ने लगा. कांग्रेस के आखिरी कार्यकाल के समय यानी के 2009 के चुनाव में बीजेपी को 116 मिलीं थी. इसके बाद कांग्रेस के भ्रष्टाचार की खबरें लगातार मीडिया में छाने लगी और उसका असर अभी भी साफ देखा जा सकता है. फिर 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को अभी तक के सबसे ज्यादा 282 सीटें मिलीं. और 2019 के चुनाव में 303 सीटों के साथ काबिज. देश में ज्यादातर राज्यों में उसकी सरकार है.
– भारत एक्सप्रेस
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