IAF ने संघर्ष-ग्रस्त सूडान से 24 घंटे के 'नॉन-स्टॉप ऑपरेशन' में 192 लोगों को एयरलिफ्ट किया
Operation Kaveri: अफ्रीका के देश सूडान में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए वायसेना ने अपने ऑपरेशन को बड़ी चतुराई के साथ अंजाम दिया है. भारतीय वायु सेना (IAF) ने 3 मई को 24 घंटे के मिशन में सूडान के संकटग्रस्त देश से 192 यात्रियों को बाहर निकाला, जिसमें ज्यादातर महिला, बच्चे और बुजुर्ग शामिल थे. रक्षा मंत्रालय के अनुसार, मिशन में सी-17 ग्लोबमास्टर विमान हिंडन से उड़ान भरकर सऊदी अरब के जेद्दाह में उतरा और इसके बाद बिना रुके सूडान और वापस भारत लौट आया.
उड़ान में अधिकांश यात्री प्रवासी भारतीय (NRI), विदेशी नागरिक या भारत की विदेशी नागरिकता (OCI) धारक थे. उन्हें जेद्दा नहीं ले जाया जा सकता था, इसलिए एक भारी जेट से बिना रुके उड़ान भरकर सीधे भारत ले जाने की जरुरत थी. उड़ान के दौरान, पायलट को एक अप्रत्याशित आपात स्थिति का सामना करना पड़ा, जब कुछ यात्रियों को युद्ध के डर वजह से ऑक्सीजन की कमी महसूस होने लगी थी.
जेद्दाह में ही विमान में भरा गया ईंधन
तीन और चार मई की आधी रात को भारतीय वायु सेना के सी -17 ग्लोबमास्टर विमान ने हिंडन से उड़ान भरी. वायुसेना के इस विमान ने ये उड़ान सऊदी अरब के शहर जेद्दाह में सुबह-सुबह उतरने के लिए उड़ान भरी. युद्धग्रस्त सूडान और वापस भारत के लिए जेद्दाह से नॉनस्टॉप उड़ान भरने के लिए जेद्दाह में ही विमान में ईंधन भरा गया. सूडान में ईंधन की अनुपलब्धता और ईंधन भरने में देरी की स्थिति से बचने के लिए विमान ने जेद्दाह से अतिरिक्त ईंधन लिया.
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बड़ी चतुराई के साथ दिया ऑपरेशन को अंजाम
सूडान में एयरफोर्स के C-17 ग्लोबमास्टर पर हमले का अंदेशा था, इसलिए एयरफोर्स के जवानों ने बड़ी चपलता और चतुराई से इस पूरे ऑपेरशन को अंजाम दिया. सूडान से रेस्क्यू किये गए लोगों में कुछ बीमार यात्री थे तो कुछ सूडान में चल रहे गृह युद्ध से बेहद डरे हुए थे. इन परिस्थितियों को बेहद एयरफोर्स के जवानों ने सटीक ढंग से संभाला. इस विमान को 4 मई को देर शाम अहमदाबाद में उतरा गया और फिर उसी दिन देर रात हिंडन के होम बेस पर इसकी लैंडिग कराई गई.