
भारत में टैक्स कलेक्शन के मोर्चे पर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि सामने आई है. पहली बार एडवांस टैक्स कलेक्शन (Advance Tax Collection) ने 10 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार किया है. 16 मार्च 2025 तक, एडवांस टैक्स कलेक्शन में 14.72 फीसदी की वृद्धि देखी गई, जिससे यह 10.44 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. इस वृद्धि के साथ भारतीय टैक्स सिस्टम की मजबूती और करदाताओं का बढ़ता योगदान स्पष्ट होता है.
नेट कॉरपोरेट और पर्सनल इनकम टैक्स कलेक्शन में बढ़ोतरी
एडवांस टैक्स कलेक्शन के अलावा, नेट कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन में भी 6 फीसदी की वृद्धि हुई है. इसके अनुसार, नेट कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन अब 9.69 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. इसी तरह, नेट पर्सनल इनकम टैक्स कलेक्शन में 14 फीसदी की वृद्धि हुई है और यह कलेक्शन 11.01 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जो पिछले वर्ष के मुकाबले एक महत्वपूर्ण वृद्धि है.
एडवांस टैक्स का भुगतान कैसे होता है?
आयकर अधिनियम की धारा 208 के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति की अनुमानित कर देयता 10,000 रुपये से अधिक है (TDS और TCS पर विचार करने के बाद), तो उसे एडवांस टैक्स का भुगतान करना अनिवार्य है. इसमें वेतनभोगी टैक्सपेयर्स भी शामिल हैं. एडवांस टैक्स का भुगतान वित्त वर्ष के दौरान चार किस्तों में किया जाता है – 15 जून, 15 सितंबर, 15 दिसंबर और 15 मार्च को.
शुद्ध गैर-कॉरपोरेट टैक्स संग्रह में भी वृद्धि
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, शुद्ध गैर-कॉरपोरेट कर संग्रह (मुख्य रूप से व्यक्तिगत आयकर) में सालाना आधार पर 17 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है. यह अब लगभग 11.01 लाख करोड़ रुपये हो गया है. इस दौरान, नेट कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन में एकल अंक (7 फीसदी) की वृद्धि हुई है और यह 9.69 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है.
सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स (STT) से भी बढ़ा कलेक्शन
सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स (STT) से कलेक्शन में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है. इस वित्तीय वर्ष के दौरान, STT से नेट कलेक्शन लगभग 56 फीसदी बढ़कर 53,095 करोड़ रुपये हो गया है.
वापसी में भी वृद्धि
चालू वित्त वर्ष के दौरान अब तक 4.60 लाख करोड़ रुपये से अधिक के रिफंड जारी किए गए हैं, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 3.47 लाख करोड़ रुपये के रिफंड जारी किए गए थे.
सरकार का संशोधित अनुमान
चालू वित्त वर्ष के लिए सरकार ने संशोधित अनुमानों (RE) में इनकम टैक्स कलेक्शन को 12.57 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान जताया है, जो बजट अनुमान 11.87 लाख करोड़ रुपये से अधिक है.
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि भारत में टैक्स संग्रहण की प्रक्रिया मजबूत हो रही है और करदाताओं की संख्या और योगदान में लगातार वृद्धि हो रही है. यह आर्थिक स्थिति को और मजबूत करने में मदद करेगा और सरकार को अपनी योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने में सहायक साबित होगा.
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-भारत एक्सप्रेस
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