Bharat Express

दो साल में भारत-यूएई द्विपक्षीय व्यापार दोगुना होकर 83.7 अरब डॉलर पर पहुंचा, CEPA को पूरे हुए 3 साल

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने मंगलवार (18 फरवरी) को भारत-यूएई व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (CEPA) के तीन सफल वर्ष पूरे होने पर बताया कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार वित्त वर्ष 2020-21 के 43.3 अरब डॉलर से लगभग दोगुना होकर 2023-24 में 83.7 अरब डॉलर पर पहुंच गया.

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने मंगलवार (18 फरवरी) को भारत-संयुक्त अरब अमीरात (UAE) व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (CEPA) के तीन सफल वर्ष पूरे होने की जानकारी दी. मंत्रालय के मुताबिक दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार वित्त वर्ष 2020-21 के 43.3 अरब डॉलर से लगभग दोगुना होकर 2023-24 में 83.7 अरब डॉलर पर पहुंच गया.

बयान में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-दिसंबर की 9 महीने की अवधि के दौरान द्विपक्षीय व्यापार पहले ही 71.8 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है. उत्पाद स्तर पर, स्मार्टफोन निर्यात की एक प्रमुख वस्तु के रूप में उभरे हैं, वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान यूएई के लिए 2.57 अरब डॉलर मूल्य के शिपमेंट भेजे गए हैं.

CEPA एक पूर्ण और गहन समझौता है जिस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और UAE के राष्ट्रपति और अबू धाबी के शासक शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के बीच एक वर्चुअल शिखर सम्मेलन के दौरान हस्ताक्षर किए गए थे. यह 1 मई 2022 को लागू हुआ.

CEPA ट्रेड बास्केट के विविधीकरण (Diversification) की अपनी क्षमता को साकार करने में सफल रहा है क्योंकि वित्त वर्ष 2023-24 में गैर-तेल व्यापार 57.8 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जो कुल व्यापार का आधे से अधिक हिस्सा है. यह 2030 तक द्विपक्षीय गैर-तेल व्यापार को 100 अरब डॉलर तक ले जाने के लक्ष्य के अनुरूप है.

गैर-तेल निर्यात 2023-24 में 27.4 अरब डॉलर पहुंचा

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, भारत के निर्यात के संदर्भ में गैर-तेल निर्यात वित्त वर्ष 2023-24 में 27.4 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जो सीईपीए लागू होने के बाद से 25.6 प्रतिशत की औसत वृद्धि दर्ज करता है. क्षेत्रीय स्तर पर, रिफाइंड कच्चे तेल उत्पादों और रत्न और आभूषण उत्पादों के अलावा, विद्युत मशीनरी और उपकरण, हल्के और मध्यम-उच्च टेक्नोलॉजी वाले सामान जैसे बॉयलर, जनरेटर और रिएक्टर और कार्बनिक और अकार्बनिक रसायन प्रमुख उपलब्धियां हासिल करने वाले रहे हैं.

समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद से, दोनों सरकारें नियमित उच्च-स्तरीय बैठकों और अधिकारियों के बीच तकनीकी चर्चाओं के माध्यम से एक-दूसरे के निर्यातकों के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने का प्रयास कर रही हैं. द्विपक्षीय व्यापार से संबंधित मुद्दों को हल करने के लिए माल में व्यापार समिति की भी कई बार बैठक हो चुकी है.

दुबई में भारत मार्ट पहल का हुआ उद्घाटन

आपसी सहयोग और विश्वास की भावना से दोनों पक्षों ने विभिन्न अन्य उप-समितियों को क्रियान्वित करने के साथ-साथ सेवाओं में व्यापार, उत्पत्ति के नियम, सीमा शुल्क प्रक्रिया और व्यापार सुविधा से संबंधित मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के लिए ठोस कदम उठाए हैं. प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दुबई में भारत मार्ट पहल का उद्घाटन भारतीय निर्माताओं के लिए वैश्विक बाजारों में अपने उत्पादों की पेशकश करने के लिए वन-स्टॉप शॉप के रूप में कार्य करेगा और निर्यात को बढ़ावा देगा.

भारत-यूएई (India-UAE) सीईपीए के परिणामस्वरूप एमएसएमई को सशक्त बनाकर, रोजगार पैदा करके और नए व्यावसायिक अवसर पैदा कर दोनों देशों के लिए आर्थिक साझेदारी और कूटनीति का एक नया युग शुरू हुआ है.


ये भी पढ़ें: वित्त वर्ष 2025 में मोबाइल फोन निर्यात 1,80,000 करोड़ रुपये के होगा पार, PLI योजना का दिखेगा असर


-भारत एक्सप्रेस



इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.

Also Read