
सांकेतिक तस्वीर.

केंद्र की मोदी सरकार ने बताया कि भारत की प्रमुख विनिर्माण योजना को पिछले वर्ष नवंबर तक लगभग 19 बिलियन डॉलर का निवेश प्राप्त हुआ है. यह जानकारी रायटर द्वारा दी गई उस रिपोर्ट के एक दिन बाद दी गई है, जिसमें कहा गया था कि निराशाजनक परिणामों के कारण नई दिल्ली 23 बिलियन डॉलर के प्रोत्साहन कार्यक्रम को समाप्त कर देगा.
आगे विस्तारित करने की योजना नहीं
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, प्रोत्साहन योजना को 14 पायलट क्षेत्रों से आगे विस्तारित नहीं किया जाएगा तथा कुछ भागीदार कम्पनियों के अनुरोध के बावजूद उत्पादन की समय-सीमा नहीं बढ़ाई जाएगी.
163 बिलियन डॉलर के सामान का उत्पादन
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि निजी फर्मों ने इस योजना के तहत लगभग 163 बिलियन डॉलर मूल्य के सामान का उत्पादन किया है, जो वित्तीय वर्ष 2024-25 तक के लक्ष्य का 90% है, और सरकार ने बदले में 1.7 बिलियन डॉलर से कम प्रोत्साहन का भुगतान किया है.रिपोर्ट के अनुसार, यह भुगतान योजना के लिए निर्धारित सब्सिडी का 8% है.
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मंत्रालय के बयान के अनुसार, परियोजनाओं को दो से तीन वर्षों में क्रियान्वित किया जाता है और दावे आमतौर पर उत्पादन के पहले वर्ष के बाद किए जाते हैं. “इसलिए, अधिकांश परियोजनाएं कार्यान्वयन चरण में हैं और उचित समय पर प्रोत्साहन दावे दायर किए जाएंगे.”
-भारत एक्सप्रेस
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