बीजेपी सांसद वरुण गांधी
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. सियासी दल उम्मीदवारों के नामों का ऐलान करने में जुटी हुई हैं. बीजेपी से लेकर कांग्रेस और टीएमसी से लेकर समाजवादी पार्टी लगातार प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर रही हैं. बीजेपी ने इस बार कई बड़बोले और काम न करने वाले मौजूदा सांसदों के टिकट पर कैंची चलाकर उन्हें दरकिनार कर रही है. इसी कड़ी में बीजेपी ने यूपी के पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी का टिकट काट दिया है.
कांग्रेस ने दिया ऑफर
वरुण गांधी पिछले काफी समय से अपनी ही सरकार के खिलाफ बयान दे रहे थे. कई ऐसे मौके आए, जब वरुण गांधी ने अपनी सरकार के कामों और उसकी नीतियों पर सवाल खड़े किए हैं. अब बीजेपी ने उन्हें लोकसभा चुनाव में बाहर का रास्ता दिखा दिया है. जिसके बाद कांग्रेस इस मौके को भुनाने की कोशिश में जुट गई है. कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने वरुण गांधी को खुला ऑफर देते हुए कांग्रेस पार्टी ज्वॉइन करने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी में शामिल होने के लिए वरुण गांधी का स्वागत है. वरुण गांधी राहुल गांधी के चचेरे भाई हैं और गांधी परिवार से ताल्लुक रखते हैं, इसलिए बीजेपी ने उन्हें टिकट नहीं दिया. इसलिए उन्हें कांग्रेस में शामिल हो जाना चाहिए. वह एक साफ-सुथरी छवि वाले बेदाग नेता हैं. अगर वो पार्टी में आते हैं, तो हमें खुशी होगी.
पीलीभीत से जितिन प्रसाद को टिकट
बता दें कि बीजेपी ने अपनी पांचवीं लिस्ट जारी की थी. जिसमें 111 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया गया था. बीजेपी ने पीलीभीत से वरुण गांधी की जगह पर यूपी सरकार में PWD मंत्री जितिन प्रसाद को उतारा है. वहीं वरुण गांधी की मां मेनका गांधी को सुल्तानपुर सीट से टिकट दिया है.
सरकार के खिलाफ बोलते रहे वरुण गांधी
गौरतलब है कि वरुण गांधी बीजेपी से काफी समय से नाराज चल रहे थे. वह लगातार पार्टी लाइन से हटकर बयान दे रहे थे. सरकार की नीतियों पर सवाल उठाने के साथ ही अपने ही नेताओं के खिलाफ बयानबाजी करते हुए भी देखे गए. 3 कृषि कानून रहे हों या फिर केंद्र सरकार की अग्निवीर योजना. इन सभी को लेकर उन्होंने सरकार पर हमला बोला था.
“इस देश में दो हिंदुस्तान क्यों हैं?”
वरुण गांधी ने 6 दिसंबर 2023 को एक बयान दिया था. जिसमें उन्होंने कहा था कि इस देश में दो हिंदुस्तान क्यों हैं? अगर हम आम इंसान के संघर्ष को लेकर ऐसी राजनीति में मौन हो जाएंगे तो लोकतंत्र भी आने वाले दिनों में मौन की तरफ बढ़ जाएगा. आज देश ऐसा लगता है मानों जैसे गुलामी की जिंदगी जी रहा है. इस दौरान उन्होंने कहा था कि यूपी के बुंदेलखंड के एक किसान ने अपने ढाई लाख रुपये का लोन चुकाने के लिए शरीर के अंगों को बेच दिया और दूसरी ओर देश की सबसे बड़ी बैंक एसबीआई ने 10 सबसे बड़े उद्योगपतियों के 1,70,000 करोड़ रुपये के लोन माफ कर दिए.
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अग्निवीर योजना का किया विरोध
वरुण गांधी ने केंद्र सरकार की अग्निवीर योजना को लेकर भी जमकर हमला बोला था. उन्होंने अग्निवीर योजना का जिक्र करते हुए सरकार से सवाल किया था कि क्या इस तरह से इस देश और सेना की वर्दी का अपमान नहीं होगा. इससे देश के युवाओं का मनोबल नहीं गिरेगा? जो लाखों लोग 4 साल के बाद हटाए जाएंगे, उनकी ज़िम्मेदारी कौन लेगा. इन युवाओं ने हथियार चलाना सीखा, पूरी ट्रेनिंग ली और फिर वो गांवों में बेरोज़गार रहेंगे तो क्या वे सुखी रहेंगे?
अब बीजपी ने दिखाया बाहर का रास्ता
ऐसे तमाम मौके आए, जब वरुण गांधी ने बीजेपी और केंद्र की मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा किया. उन्होंने किसानों के प्रदर्शन के दौरान भी सरकार के साथ न होकर किसानों के साथ खड़े हुए दिखाई दिए. उनके बयानों में सरकार की आलोचना होती थी. शायद यही वजह है कि अब बीजेपी ने उनका टिकट काटकर बाहर का रास्ता दिखा दिया है.
-भारत एक्सप्रेस
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