हेट स्पीच मामले में तीन नेताओं पर शिकंजा (फोटो विकिपीडिया)
Bijnor News: देश में बीते समय में लगातार कई मामले हेट स्पीच के सामने आए हैं. जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने भी सवाल किया था. वहीं उत्तर प्रदेश के बिजनौर में एक अदालत ने पूर्व मंत्री अशोक कटारिया, बीजेपी नेता कविता चौधरी और शिवसेना के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष वीर सिंह को फरार घोषित किया है. कोर्ट ने 2012 में हेट स्पीच के एक मामले की सुनवाई के दौरान पेश नहीं होने पर उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है. अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) अभिनव यादव की अदालत 19 जनवरी को फिर से मामले की सुनवाई करेगी. इसके अलावा 18 जनवरी तक इन सभी को कोर्ट में पेश करने के लिए पुलिस को आदेश दिया है
इस मामले पर वकील डी.के. सिंह ने कहा कि-आरोपियों को बार-बार समन जारी किया गया. उसके बावजूद भी वो अदालत में पेश नहीं हुए. आखिरकार कोर्ट ने उन्हें फरार घोषित कर दिया और उनके खिलाफ वारंट जारी कर दिया.
साल 2012 का है मामला
मामला 3 सितंबर साल 2012 का है, जब सब-इंस्पेक्टर ईशेंद्र सिंह ने एक पंचायत बैठक के दौरान बिजनौर जिले के बस्ता क्षेत्र के अढ़ाई गांव में मुसलमानों के खिलाफ कथित रूप से नफरत फैलाने वाले भाषण देने के लिए आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी. सूचना मिलने के बाद पुलिस वहां पहुंची और बीजेपी की कविता चौधरी से अपना भाषण रोकने को कहा, अशोक कटारिया, जो बाद में योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री बने, पंचायत की बैठक में भी मौजूद थे, जहां शिवसेना के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष वीर सिंह ने भी कथित रूप से नफरत फैलाने वाला भाषण दिया था.
भाषण को रुकवाने की गई थी कोशिश
बता दें कि जब हेट स्पीच को रुकवाने की कोशिश की गई और अनुमति पत्र मांगा गया तो न ही भाषण रोका गया और न ही अनुमति पत्र दिखाया गया था. इसके चलते पुलिस ने उनके खिलाफ धारा 188 और 153 के तहत कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई थी. इस पर कड़ी कार्रवाई करते हुए कोर्ट ने फरार वारंट जारी करते हुए कुर्की प्रक्रिया शुरू कर दी है.