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आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम, भारतीय नौसेना को दो अत्याधुनिक युद्धपोत किए गए सुपुर्द

आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि के तहत, 20 दिसंबर 2024 को भारतीय नौसेना को दो अत्याधुनिक युद्धपोत, *सूरत’ (विध्वंसक) और नीलगिरी’ (फ्रिगेट) सुपुर्द किए गए.

Nilgiri warship

दो अत्याधुनिक युद्धपोत भारतीय नौसेना में एक साथ हुए शामिल.

आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि के तहत, 20 दिसंबर 2024 को भारतीय नौसेना को दो अत्याधुनिक युद्धपोत, *सूरत’ (विध्वंसक) और नीलगिरी’ (फ्रिगेट) सुपुर्द किए गए. ये युद्धपोत भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिज़ाइन ब्यूरो और मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) द्वारा स्वदेशी रूप से डिज़ाइन और निर्मित किए गए हैं. यह उपलब्धि भारत सरकार और भारतीय नौसेना की आत्मनिर्भरता और राष्ट्र निर्माण की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है.

YARD 12707 (सूरत)

सूरत, परियोजना 15B का चौथा और अंतिम स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक है. इससे पहले विशाखापट्टनम, मोरमुगाओ और इंफाल नामक विध्वंसक पिछले तीन वर्षों में कमीशन किए जा चुके हैं. यह 7,400 टन वजन वाले इस युद्धपोत की कुल लंबाई 164 मीटर है और यह सतह से हवा और सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों, टॉरपीडो, और अत्याधुनिक सेंसरों से सुसज्जित है.

सूरत पहली स्वदेशी कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) युक्त युद्धपोत है, जो संचालन में अधिक कुशलता प्रदान करेगा. यह युद्धपोत 30 नॉट्स (56 किमी/घंटा) की रफ्तार से समुद्री परीक्षणों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर चुका है.

YARD 12651 (नीलगिरी)

नीलगिरी, परियोजना 17A की पहली स्टील्थ फ्रिगेट है, जो पहले की शिवालिक श्रेणी के फ्रिगेट्स का उन्नत संस्करण है. यह युद्धपोत ब्लू वॉटर ऑपरेशन के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो पारंपरिक और गैर-पारंपरिक खतरों से निपटने में सक्षम है. इसमें सतह से सतह और सतह से हवा में मार करने वाली सुपरसोनिक मिसाइल सिस्टम, 76 मिमी गन, और क्लोज-इन वेपन सिस्टम्स शामिल हैं.

स्वदेशी निर्माण की उपलब्धि

इन युद्धपोतों में 75% स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया गया है, जिसमें 200 से अधिक MSMEs ने योगदान दिया है. यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में भारत की डिज़ाइन और इंजीनियरिंग क्षमता का प्रतीक है.

सूरत ने 31 महीनों में निर्माण पूरा कर भारतीय नौसेना के सबसे तेज़ स्वदेशी विध्वंसक निर्माण का रिकॉर्ड बनाया है. वहीं, नीलगिरी ने भी अपने परीक्षण और निर्माण में उत्कृष्ट समय प्रबंधन दिखाया है.

आने वाले समय में परियोजना 15B और 17A के अन्य युद्धपोत भी 2025-2026 तक भारतीय नौसेना को सौंपे जाएंगे. यह उपलब्धि भारतीय नौसेना की युद्ध क्षमता को और मजबूत करेगी.

-भारत एक्सप्रेस



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