आदित्य-L1 यानी सूर्य-पृथ्वी के लैग्रेंजियन पॉइंट पर रहकर सूर्य पर उठने वाले तूफानों को समझेगा. लैग्रेंजियन पॉइंट पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर है. यहां तक पहुंचने में आदित्य-L1 को करीब 120 दिन यानी 4 महीने लगेंगे.
Aditya-L1 Mission launch date: भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो (ISRO) चंद्रयान-3 की सफलता के बाद अब सूर्य के अध्ययन के लिए भी मिशन लॉन्च करने वाली है. उस मिशन को ‘आदित्य L1’ नाम दिया गया है, जिसके बारे में इसरो ने आज बताया है कि इस मिशन को 2 सितंबर को दोपहर 11:50 बजे लॉन्च किया जाएगा.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने सोमवार (28 अगस्त) को कहा, ”सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली अंतरिक्ष-आधारित भारतीय वेधशाला- आदित्य-L1 की लॉन्चिंग 2 सितंबर को सुबह 11:50 बजे श्रीहरिकोटा से की जाएगी.” खास बात यह है कि इस मिशन को लेकर लोगों की उत्सुकता को देखते हुए फैसला किया गया है, आमजन भी श्रीहरिकोटा स्थित लॉन्च व्यू गैलरी से इसका प्रक्षेपण देख सकेगा.
🚀PSLV-C57/🛰️Aditya-L1 Mission:
The launch of Aditya-L1,
the first space-based Indian observatory to study the Sun ☀️, is scheduled for
🗓️September 2, 2023, at
🕛11:50 Hrs. IST from Sriharikota.Citizens are invited to witness the launch from the Launch View Gallery at… pic.twitter.com/bjhM5mZNrx
— ISRO (@isro) August 28, 2023
इसरो ने बताया कि आदित्य L1 की लॉन्चिंग को श्रीहरिकोटा स्थित लॉन्च व्यू गैलरी से देखा जा सकेगा. इसके लिए लोगों को वेबसाइट के जरिये रजिस्ट्रेशन कराना होगा. इसरो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर वेबसाइट का लिंक उपलब्ध कराया है, साथ ही बताया कि रजिस्ट्रेशन शुरू होने की घोषणा की जाएगी.
इसरो 2 सितंबर को 11:50 बजे श्रीहरिकोटा से सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली अंतरिक्ष-आधारित भारतीय वेधशाला, आदित्य-L1 लॉन्च करेगा। pic.twitter.com/ZN7iiriJ5L
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 28, 2023
आदित्य-एल1 का मकसद क्या है?
स्पेस एक्सपर्ट्स के मुताबिक, आदित्य-L1 अंतरिक्ष यान को सूर्य की बाहरी परतों (कोरोना) का ऑब्जर्वेशन और सूर्य-पृथ्वी लाग्रेंज बिंदु (L1) पर सौर वायु के यथास्थिति ऑब्जर्वेशन के लिए तैयार किया गया है. यह यान पृथ्वी से करीब 15 लाख किलोमीटर की दूरी पर स्थित लैग्रेंजियन पॉइंट पर जाएगा. यह पॉइंट पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर है. वहां तक पहुंचने में आदित्य-L1 को करीब 120 दिन यानी 4 महीने लगेंगे.
यह सूर्य के ऑब्जर्वेशन के लिए पहला भारतीय स्पेस मिशन
आदित्य-L1 सूर्य के ऑब्जर्वेशन के लिए पहला भारतीय अंतरिक्ष मिशन होगा. आदित्य-एल1 मिशन का लक्ष्य एल1 के चारों ओर की कक्षा से सूर्य का अध्ययन करना है. इसरो से मिली जानकारी के अनुसार, आदित्य-L1 सात पेलोड लेकर जाएगा, जो अलग-अलग वेव बैंड में फोटोस्फीयर (प्रकाशमंडल), क्रोमोस्फीयर (सूर्य की दिखाई देने वाली सतह से ठीक ऊपरी सतह) और सूर्य की सबसे बाहरी परत (कोरोना) का अवलोकन (ऑब्जर्वेशन) करने में मदद करेंगे.
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पूरी तरह से स्वदेशी है आदित्य-L1
न्यूज एजेंसी पीटीआई के हवाले से इसरो के एक अधिकारी ने बताया कि आदित्य-L1 पूरी तरह से स्वदेशी प्रयास है, जिसमें राष्ट्रीय संस्थानों की भागीदारी है. बताया गया है कि आदित्य-L1 जब लैग्रेंजियन पॉइंट पर पहुंचेगा, तो सूर्य को बिना किसी ग्रहण के लगातार देखने का बड़ा फायदा मिल सकता है. इससे वास्तविक समय में सौर गतिविधियों और अंतरिक्ष मौसम पर इसके प्रभाव का पता लगाया जा सकेगा.
— भारत एक्सप्रेस
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