प्रतीकात्मक फोटो
बार काउंसिल ऑफ इंडिया (Bar Council of India) ने फर्जी वकीलों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. बीसीआई ने दिल्ली से 107 फर्जी वकीलों के रजिस्ट्रेशन को रद्द कर दिया है. साथ सूची से 107 वकीलों को सूची से हटा दिया है. यह कार्रवाई बार काउंसिल ऑफ इंडिया सर्टिफिकेट और प्रैक्टिस (वेरिफिकेशन) नियम, 2015 के तहत की गई है. ये वकील अब कानूनी प्रैक्टिस के मानकों को पूरा नहीं करते हैं.
विस्तृत जांच के कारण, कई वकील जो अपनी धोखाधड़ी या अनुपालन न करने की स्थिति से अवगत थे. बार काउंसिल सभी राज्य बार काउंसिलों से आग्रह करती है कि वे ऐसे समर्पण को स्वीकार करते समय सतर्क रहें. इसके अतिरिक्त, कई विश्वविद्यालयों ने राज्य बार काउंसिलों को सूचित किया है कि वे शैक्षणिक डिग्री की जांच के दौरान और भी फर्जी वकीलों का पता लगा रहे हैं.
जनता के विश्वास की रक्षा
ये विश्वविद्यालय राज्य बार काउंसिलों के साथ निकटता से सहयोग कर रहे हैं और उम्मीद है कि निकट भविष्य में सैकड़ों और वकीलों को रोल से हटाया जा सकता है. बीसीआई जनता के विश्वास की रक्षा करना चाहता है और कानूनी प्रणाली को अनैतिक प्रथाओं से बचना चाहता है. यह प्रक्रिया बार काउंसिल ऑफ इंडिया सर्टिफिकेट एंड प्लेस ऑफ प्रेक्टिस नियम 2015 के नियम 32 के तहत आयोजित की जाती है.
कानूनी पेशे को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण कदम
जिसमें 23 जून 2023 को अधिसूचित नियम 32 में एक महत्वपूर्ण संशोधन है. बीसीआई के अनुसार संशोधित नियम पारदर्शिता और जवाबदेही पर आधारित कानूनी पेशे को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ है. 2019 और 23 जून 2023 के बीच सैकड़ो फर्जी अधिवक्ताओं को उनकी साख और प्रथाओं की गहन जांच के बाद हटा दिया है.
-भारत एक्सप्रेस
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