

राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच, आईसीएसएसआर और सेंटर फॉर हिमालयन स्टडीज, दिल्ली विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में ‘मंथन 2025’ राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच के मुख्य संरक्षक डॉ. इन्द्रेश कुमार ने संबोधित किया. उन्होंने कहा कि भारत 2047 तक एक सशक्त, भयमुक्त और समृद्ध राष्ट्र के रूप में उभरेगा.
डॉ. इन्द्रेश कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि भारत सदियों से सुखी-संपन्न राष्ट्र रहा है और आने वाले वर्षों में यह फिर से अपने वैभव को प्राप्त करेगा. उन्होंने इस बदलाव में हर नागरिक की भागीदारी को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि यह सिर्फ सरकार और संगठनों के प्रयासों से संभव नहीं होगा, बल्कि जनता को भी सक्रिय योगदान देना होगा.
उन्होंने कहा कि भारत जल्द ही एक संघ बनेगा, जो भयमुक्त, अपराधमुक्त, भ्रष्टाचारमुक्त और दंगामुक्त होगा. यह एक ऐसा राष्ट्र होगा, जो पूरी दुनिया को शांति और प्रेम का संदेश देगा.
संस्कृति और शिक्षा प्रणाली को बताया भारत की ताकत
डॉ. इन्द्रेश कुमार ने भारत की संस्कृति और शिक्षा प्रणाली को इसकी सबसे बड़ी ताकत बताया. उन्होंने कहा कि प्राचीन काल में तक्षशिला और विक्रमशिला जैसे शिक्षा केंद्रों में दुनिया भर के छात्र अध्ययन करने आते थे. उन्होंने कहा कि आज भी भारतीय दर्शन और मूल्यों को अपनाकर दुनिया कई समस्याओं का समाधान निकाल सकती है.
उन्होंने कहा कि भारत में अतिथि को भगवान माना जाता है, जो किसी भी अन्य देश या दर्शन में नहीं दिखता. इसी तरह भारतीय भोजन को प्रसाद की तरह ग्रहण किया जाता है, जिसमें किसी प्रकार की बर्बादी नहीं होती. यदि विश्व इस दृष्टिकोण को अपनाए, तो भुखमरी की समस्या समाप्त हो सकती है.
सूचना युद्ध से बचने की दी सलाह
वरिष्ठ पत्रकार जयदीप कार्णिक ने कहा कि वर्तमान समय में सूचना युद्ध (Information War) का खतरा बढ़ता जा रहा है. उन्होंने कहा कि शब्दों का समाज पर गहरा प्रभाव पड़ता है. यदि शब्द भटक जाएँ, तो समाज भी भटक जाता है. उन्होंने सोशल मीडिया के दुष्प्रभावों पर चिंता व्यक्त करते हुए युवाओं को जागरूक रहने की सलाह दी.
उन्होंने कहा कि यदि हमें भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाना है, तो हमें अपनी विचारधारा और संस्कृति को सुरक्षित रखना होगा. उन्होंने विश्वास जताया कि ‘मंथन 2025’ से निकलने वाले विचार देश को नई दिशा देंगे और जनता को जागरूक करेंगे.
सम्मेलन में शामिल अन्य प्रमुख वक्ता
इस अवसर पर पूर्व कुलपति प्रो. राधे श्याम शर्मा ने एकजुट होकर कार्य करने की आवश्यकता पर जोर दिया.
विशेष अतिथि जनरल सौरेश भट्टाचार्या ने कहा कि भारत को समृद्ध बनाने के लिए युवाओं की सक्रिय भागीदारी जरूरी है.
फैन्स (FANS) के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष सरदार जसबीर सिंह ने कहा कि भारत की सांस्कृतिक विरासत इसकी सबसे बड़ी शक्ति है.
रासुजाम के विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि सम्मेलन में राष्ट्रीय सुरक्षा, क्षमता निर्माण और सांस्कृतिक कूटनीति पर गहन मंथन किया जाएगा.
इस वर्ष सम्मेलन का मुख्य विषय “विकसित भारत – दिव्य भारत @2047: राष्ट्रीय सुरक्षा, क्षमता निर्माण और सांस्कृतिक कूटनीति की दृष्टि” रखा गया है.
सम्मेलन में बड़ी संख्या में शिक्षकों और छात्रों की भागीदारी
इस दो दिवसीय सम्मेलन में विभिन्न विश्वविद्यालयों के शिक्षकों और छात्रों ने हिस्सा लिया. इस मौके पर गोलोक बिहारी राय, प्रो. मुजाहिद बेग, प्रो. सरोज कुमार महानंदा, डॉ. मनीष कर्मवार, प्रो. रेखा सक्सेना, अरुण कुमार, डॉ. राजीव रंजन, डॉ. अमित सिंह, डॉ. इंद्रप्रीत कौर, डॉ. यशस्वी सिंह, डॉ. पूजा सहित दिल्ली विश्वविद्यालय (DU), जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU), जामिया मिलिया इस्लामिया (JMI) और इग्नू (IGNOU) के कई शिक्षकों और शोधार्थियों की उपस्थिति रही.
-भारत एक्सप्रेस
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