मनीष कश्यप (फोटो ट्विटर)
Manish Kashyap: बिहार के मशहूर यूट्यूबर (Youtuber) मनीष कश्यप पर अब पुलिस का शिकंजा कसता हुआ नजर आ रहा है, जल्दी ही उनको गिरफ्तार भी किया जा सकता है. आर्थिक अपराध इकाई ने मनीष कश्यप और उनके यूट्यूब चैनल के चार बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है. उनके चार अलग-अलग खातों में 42 लाख रुपये से ज्यादा की राशि जमा थी. मनीष अक्सर अपने वीडियो में सरकार की आलोचना करते हुए नजर आते हैं.
इस बार भी उन्होंने तमिलनाडु में बिहारियों की पिटाई का मामला उठाया था. लेकिन उन पर आरोप है कि उन्होंने बिहारियों पर हमले का झूठा वीडियो सोशल शेयर किया था. जिसके लिए बिहार पुलिस ने उन पर कार्रवाई की है.
गिरफ्तारी के लिए एक विशेष टीम का किया गया गठन
बिहारी मजदूरों के फर्जी वीडियो वायरल करने के मामले में मनीष कश्यप और युवराज सिंह राजपूत को आर्थिक अपराध इकाई जल्द ही गिरफ्तार कर सकती है. जानकारी के मुताबिक, दोनों की गिरफ्तारी के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया है. इन्हें पकड़ने के लिए पुलिस की टीमें जगह-जगह छापेमारी कर रही हैं. दोनों के बैंक अकाउंट्स फ्रीज हैं.
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चारों बैंक खातों में थी अलग-अलग राशि
आर्थिक अपराध इकाई ने मनीष कश्यप के चार बैंक खातों को बंद कर दिया है. EOU ने जानकारी दी है कि मनीष के SBI के खाते में 3 लाख 37 हजार 496 रुपये, आईडीएफसी (IDFC) के खाते में 51 हजार 69 रुपये, एचडीएफसी बैंक खाते में 3 लाख 37 हजार 463 रुपये हैं और उनके वहीं सचतक फाउंडेशन के एचडीएफसी (HDFC) बैंक खाते में 34 लाख 85 हजार 909 रुपये जमा हैं.
5.मनीष कश्यप के नाम से संचालित @manishkashyap43 Twitter हैण्डल पर मनीष कश्यप की गिरफ्तारी की एक छवि (PHOTO) पोस्ट करके असत्य, अफवाह जनक एवं भ्रामक सन्देश फैलाकर लोगों को दिग्भ्रमित करने के आरोप में आर्थिक अपराध थाना काण्ड सं0-05/23 अंकित किया गया है। (5/7)
— Bihar Police (@bihar_police) March 15, 2023
बिहार पुलिस ने ट्वीट कर जानकारी दी कि “तमिलनाडु में काम करने वाले लोगों को लेकर भ्रामक वीडियो शेयर करने के मामले में आर्थिक अपराध इकाई ने कार्रवाई की है. इस मामले में मनीष कश्यप और युवराज सिंह राजपूत के खिलाफ गिरफ्तारी के लिए वारंट प्राप्त किया. आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है.”
30 वीडियो और पोस्ट को चिह्नित किया गया
एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने कहा था कि “सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो असत्य पाए गए, जो घटनाओं को गलत तरीके से पेश कर रहे थे. इस मामले में केस दर्ज किया गया. 10 सदस्यीय जांच दल ने मामले की जांच की. कुल 30 वीडियो और पोस्ट को चिह्नित किया गया.”