सीएम योगी आदित्यनाथ (फोटो फाइल)
Ramcharitmanas Controversy: उत्तर प्रदेश में रामचरितमानस पर समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के बयान को लेकर सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है. अब प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने इस मामले पर बयान दिया है. उन्होंने कहा कि “रामचतिरमानस पर टिप्पणी करना सूर्य को टॉर्च-दीपक दिखाने जैसा है”. सीएम योगी ने एक चैनल को दिए गए इंटरव्यू में कहा कि “जिन लोगों ने रामचरितमानस और भगवान श्री रामचंद्र जी के बारे में कुछ जाना नहीं है और न ही जानने का कोशिश की है. उनकी इस तरह की टिप्पणी को सूरज को टॉर्च-दीपक दिखाने जैसा है.
उन्होंने कहा, रामचरितमानस में ‘निषाद-राज’ पर चर्चा है, महिला के रूप में शबरी की भी चर्चा है. अगर इन लोगों ने रामचरितमानस को पढ़ा होता तो वो इस तरह की बातें नहीं करते.
‘प्रदेश में जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश’
सीएम योगी ने इस पूरे मामले को लेकर विपक्ष पर हमला बोलते हुआ कहा कि यह एक राजनीतिक गणित बनाया गया है. यूपी में एक बड़ा आयोजन होने जा रहा है और मुद्दों से ध्यान भटकाने को लेकर इस पूरे विवाद को जन्म दिया गया है. सीएम ने दावा किया कि यह एक सोची समझी साजिश के तहत हुआ है.
‘श्रीराम, हिंदू धर्म और रामचरितमानस को जोड़कर भटकाने की कोशिश’
वहीं इस पूरे मामले पर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने विरोधियों पर हमला बोला है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि “रामचरितमानस की आपत्तिजनक कुछ चौपाइयों को संशोधित और प्रतिबंधित करने की मांग को, कुछ लोग श्रीराम, हिंदू धर्म और रामचरितमानस से जोड़कर मामले को भटकाने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे ही लोग महिलाओं, आदिवासियों, दलितों व पिछड़ों के 97 फीसद आबादी के सम्मान के विरोधी हैं”.
रामचरितमानस की कुछ चौपाइयों को हटाने की मांग को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य ने लिखा कि “आप (प्रधानमंत्री) चुनाव के समय इन्हीं महिलाओं, आदिवासियों, दलितों, पिछड़ो को हिंदू कहते हैं. आरएसएस प्रमुख, मोहन भागवत कहते हैं कि जाति पंडितों ने बनाई तो आखिर इन्हें नीच, अधम, प्रताड़ित, अपमानित करने वाली रामचरितमानस की आपत्तिजनक टिप्पणियों को हटाने हेतु पहल क्यों नहीं”.