दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने गैर-कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत दर्ज मामले में समाचार पोर्टल न्यूजक्लिक के मानव संसाधन विभाग प्रमुख अमित चक्रवर्ती की जमानत याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया. चक्रवर्ती के वकील ने कोर्ट से कहा था कि इस मामले में आरोपपत्र दाखिल हो चुका है. याचिकाकर्ता के सरकारी गवाह बनने के बाद उसे गवाह के रूप में उद्धृत किया गया है. इसके बाद न्यायमूर्ति स्वर्णकांता शर्मा ने आदेश सुरक्षित रख लिया. इस मामले में चीन समर्थक दुष्प्रचार के लिए धन प्राप्त करने के आरोप में समाचार पोर्टल के खिलाफ यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया था.
वकील ने कहा कि कोर्ट के पास उसके मुवक्किल चक्रवर्ती को जमानत देने का विवेकाधिकार है. उनके मुवक्किल को निचली अदालत ने जनवरी में सरकारी गवाह बनने की अनुमति देते हुए माफी दे दी है और वह जांच में सहयोग भी कर रहा है. चक्रवर्ती ने कहा है कि उसके पास इस मामले में जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां है. इसका वह दिल्ली पुलिस को खुलासा करना चाहता है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के वकील ने कहा कि अगर चक्रवर्ती को जमानत दी जाती है तो उसे कोई आपत्ति नहीं है.
पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने न्यूजक्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और चक्रवर्ती को पिछले साल 3 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था. ये दोनों फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं. प्राथमिकी के अनुसार कथित तौर पर भारत की संप्रभुता को बाधित करने और देश के खिलाफ असंतोष पैदा करने के लिए समाचार पोर्टल को भारी मात्रा में चीन से धन मिला था.
पुरकायस्थ ने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान चुनावी प्रक्रिया को बाधित करने के लिए पीपुल्स अलायंस फॉर डेमोक्रेसी एंड सेक्युलरिज्म (पीएडीएस) नामक एक समूह के साथ साजिश रची थी. प्राथमिकी में नामित संदिग्धों एवं आंकड़ों के विश्लेषण में सामने आए संदिग्धों के खिलाफ 3 अक्टूबर को दिल्ली में 88 स्थानों एवं अन्य राज्यों में सात स्थानों पर छापे मारे गए थे. न्यूजक्लिक के कार्यालयों एवं कई पत्रकारों के आवासों से लगभग 300 इलेक्ट्रानिक गैजेट भी जब्त किए गए थे. छापेमारी के बाद विशेष प्रकोष्ठ ने नौ महिला पत्रकारों समेत 46 लोगों से पूछताछ की थी.
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