कश्मीर घाटी से तबादला करने और बकाया वेतन जारी करने की मांगों को लेकर दबाव बनाने के मकसद से विरोध करने के लिए यहां इकट्ठा होने के कुछ ही समय बाद प्रदर्शन करने वाले कई प्रवासी कश्मीरी पंडित कर्मचारियों को बुधवार को हिरासत में ले लिया गया. अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी. कर्मचारियों को प्रेस क्लब के बाहर धरना देना था, लेकिन पुलिस ने उन्हें अनुमति नहीं दी.
मांगों के समर्थन में नारेबाजी शुरू
जैसे ही कर्मचारी पास के चौक पर इकट्ठा हुए और अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी शुरू की, पुलिस ने लगभग 50 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया. इसके बाद उन्हें एक बस में पुलिस लाइन ले जाया गया. सरकार के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘हमने उन्हें मौके से जाने का आग्रह किया और मनाने की कोशिश की, लेकिन वे विरोध जारी रखने पर अड़े थे, इसलिये हमने उन्हें एहतियातन हिरासत में लिया.’’ यह पूछे जाने पर कि क्या प्रेस क्लब के बाहर निषेधाज्ञा लागू की गयी थी.
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शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर कोई रोक नहीं
अधिकारी ने कहा, ‘‘शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर आधे घंटे या एक घंटे के लिये कोई रोक नहीं है, लेकिन वे आधी रात तक घंटों तक के लिये जगह पर कब्जा कर रहे हैं, जिससे आने-जाने वालों को परेशानी हो रही है, प्रशासन और पुलिस को परेशानी हो रही है.’’ प्रधानमंत्री पैकेज के तहत घाटी में कार्यरत सैकड़ों कश्मीरी पंडित पिछले मई में अपने दो सहयोगियों (राहुल भट और रजनी बाला) की आतंकवादियों द्वारा हत्या किये जाने के बाद जम्मू चले गए थे. भट की 12 मई को बडगाम में उनके कार्यालय में गोली मार कर जबकि स्कूल शिक्षक के तौर पर काम करने वाली रजनीबाला की कुलगाम जिले में 31 मई को गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी.