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प्रवर्तन निदेशालय ने गाज़ियाबाद की विशेष अदालत में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अभियोजन शिकायत की दायर

गाज़ियाबाद की विशेष अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर मनी लॉन्ड्रिंग मामले का संज्ञान लिया है. इस मामले में कई आरोपी व्यक्तियों और कंपनियों को नामजद किया गया है. अदालत में ईडी द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर आगे की सुनवाई की जाएगी.

ED

प्रवर्तन निदेशालय (ED), लखनऊ ने 13 दिसंबर 2024 को गाजियाबाद की माननीय विशेष अदालत (ईडी/एसीबी/सीबीआई कोर्ट नंबर-1) में मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम, 2002 (PMLA) के तहत एक अभियोजन शिकायत (Prosecution Complaint – PC) दायर की थी.

इस शिकायत में राजीव त्यागी, एम/एस साई कंस्ट्रक्शन एंड बिल्डर्स (एक साझेदारी फर्म), संजीव कुमार त्यागी, एम/एस एस. के. एंटरप्राइजेज (एक साझेदारी फर्म), एम/एस एस.के.टी. गारमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड, एम/एस एसयूएजे एक्ज़िम प्राइवेट लिमिटेड, विकास त्यागी और एम/एस देहरादून मिनरल्स प्राइवेट लिमिटेड को नामजद किया गया है.

इस मामले में एक अहम प्रगति तब हुई जब 3 फरवरी 2025 को माननीय विशेष अदालत ने इस अभियोजन शिकायत का संज्ञान ले लिया. ईडी द्वारा की गई विस्तृत जांच और प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने इस मामले को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है.

ईडी ने यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (PMLA) के तहत की है. प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले की जांच के दौरान पाया कि राजीव त्यागी और अन्य आरोपी व्यक्तियों ने विभिन्न कंपनियों और साझेदारी फर्मों के माध्यम से अवैध रूप से अर्जित धन को सफेद करने का प्रयास किया. ईडी को संदेह है कि इन कंपनियों का उपयोग करके बड़ी मात्रा में काले धन को वैध रूप में बदलने की कोशिश की गई.

ईडी की जांच में क्या सामने आया?

ईडी की जांच में सामने आया कि आरोपी व्यक्तियों ने विभिन्न फर्जी कंपनियों के नाम पर बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताएं कीं. इन कंपनियों के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग की गतिविधियों को अंजाम दिया गया, जिससे करोड़ों रुपये की हेराफेरी का मामला उजागर हुआ. ईडी ने इस पूरे मामले में आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत इकट्ठा करने के बाद अभियोजन शिकायत दायर की थी.

अब जबकि अदालत ने इस मामले का संज्ञान ले लिया है, आगे की सुनवाई के दौरान यह तय होगा कि आरोपियों के खिलाफ क्या कानूनी कार्रवाई की जाएगी. ईडी इस मामले में गहराई से जांच कर रही है और अन्य संभावित दोषियों की भी जांच जारी है.

क्या है PMLA?

धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (PMLA) के तहत आर्थिक अपराधों से जुड़े मामलों में सख्त कार्रवाई का प्रावधान है. इस कानून का उद्देश्य अवैध रूप से अर्जित धन को वैध रूप देने की प्रक्रिया को रोकना और दोषियों के खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करना है.

ईडी द्वारा दर्ज किए गए इस मामले पर अब सभी की नजरें टिकी हैं. यदि अदालत में ईडी द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य ठोस पाए जाते हैं, तो आरोपियों को कड़ी सजा का सामना करना पड़ सकता है. वहीं, यह मामला भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ सरकार की सख्त नीति को भी दर्शाता है.

-भारत एक्सप्रेस



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