फ्रॉड करने वाले तीन आरोपी गिरफ्तार
Insurance Policy Fraud Case: मुंबई से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां एक जिंदा शख्स को मरा बताकर LIC से 2 करोड़ रुपये क्लेम कर लिए गए. दरअसल इस फर्जीवाड़े को अंजाम देने के लिए नकली माता-पिता भी जुटाए गए थे. लेकिन एक आरोपी की असली मां ने एलआईसी को जानकारी दी कि उसका बेटा जिंदा है. जिसके बाद मामले का खुलासा हुआ और शिवाजी पार्क पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया, जिन पर आरोप है कि जीवन बीमा निगम (LIC) से करोड़ों रुपये ठगने के लिए उन्होंने जिंदा आदमी को मरा हुआ बताया. गिरफ्तार आरोपियों के नाम दिनेश टाकसाले, अनिल लटके और विजय मालवदे हैं.
मुंबई पुलिस के जोन-5 के डीसीपी मनोज पाटिल ने बताया कि “21 फरवरी को एलआईसी के अधिकारी ओमप्रकाश साहू (OM Prakash Sahu) की शिकायत के आधार पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 465, 467, 468, 479, 420, 120(B) और 511 के तहत अज्ञात शख्स के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई थी.”
’21 अप्रैल 2015 को LIC की 2 करोड़ रुपये की पॉलिसी खरीदी थी’
डीसीपी (DCP) पाटिल ने बताया कि “दिनेश टाकसाले नाम के आरोपी ने 21 अप्रैल 2015 को LIC की 2 करोड़ रुपये की पॉलिसी खरीदी थी. इसके बाद करीब एक साल तक आरोपी ने प्रीमियम समय पर भरा. 14 मार्च 2017 को दूसरे आरोपियों ने एलआईसी में इंश्योरेंस के क्लेम की अर्जी दी. उसमें बताया गया कि 25 दिसंबर 2016 को पुणे नगर इलाके के बेलवांडी पुलिस थाने के अंतर्गत एक सड़क दुर्घटना में दिनेश की मौत हो गई.”
डीसीपी पाटिल ने आगे बताया की “दिनेश ने पॉलिसी खरीदते समय बताया था कि वह खेती करता है जिससे उसे साल में तकरीबन 35 लाख रुपये की कमाई होती है, इसके अलावा वह मेस भी चलाता है जिससे उसे साल में 7-8 लाख की कमाई हो जाती है.”
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जांच में हुआ खुलासा
अर्जी मिलने के बाद LIC ने जांच शुरू की. जिसमें पता चला कि दिनेश अभी जिंदा है और 2016 में जिन माता पिता ने उसकी पहचान की थी वह भी नकली अभिवाभक थे. एलआईसी को जांच में यह भी पता चला की पॉलिसी खरीदने के लिए जो दस्तावेज दिए थे वो भी फर्जी थे.
LIC पर भी उठे सवाल
पूरा मामला सामने आने पर एलआईसी की जांच पर सवाल उठ रहे हैं. क्योंकि अब एलआईसी अपनी जांच में उसके दस्तावजों को फर्जी बता रही है तो फिर उसने पहले दस्तावजों की ठीक जांच क्यों नहीं की ?
आरोपी की असली मां ने किया खुलासा
आरोपी ने मां ने LIC को बताया कि उसका बेटा अभी जिंदा है. इसके साथ ही यह भी बताया था कि उसके पिटा की मौत 2012 में हो गई थी. वहीं इस मामले पुलिस अभी जांच कर रही है कि आखिर आरोपियों को कैसे पता चला कि एक शख्स की हादसे में मौत हुई है. साथी ही उन नकली माता-पिता की तलाश की जा रही है.