अमरमणि त्रिपाठी (फोटो फाइल)
Madhumita Shukla Hatyakand: कवयित्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे यूपी के पूर्व मंत्री और बाहुबली नेता अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि अब जेल से रिहा होने वाले हैं. इन दोनों की रिहाई के आदेश आ चुके हैं. यह दोनों अब तक जेल में करीब 18 साल का समय बीता चुके हैं. अब इन्हें राज्यपाल की अनुमति से कारागार प्रसाशन और सुधार विभाग ने रिहा करने का आदेश दे दिया है. पूर्व कैबिनेट मंत्री अमरमणि त्रिपाठी ( Amarmani Tripathi) उत्तर प्रदेश में महराजगंज की लक्ष्मीपुर विधानसभा से विधायक रहे हैं.
मधुमिता शुक्ला की हत्या के आरोप में उन्हे और उनकी पत्नी को उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी. बताया जा रहा है कि पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी को अच्छे आचरण की वजह से उनकी बाकी सजा को माफ कर दिया गया है. वो अब तक करीब 18 साल का लंबा समय जेल में बीता चुके हैं.
’20 सालों के संघर्ष की लाज रख लीजिए’
वहीं पूर्व मंत्री और उनकी पत्नी की रिहाई पर मधुमिता शुक्ला की बहन ने निधी शुक्ला (Nidhi Shukla) पर हैराई जतायी है. उन्होंने कहा कि- मेरी प्रार्थना है कि जब तक सुप्रीम कोर्ट का कोई आदेश नहीं आ जाता तब तक इस रिहाई पर रोक लगाई जाए. मेरे 20 सालों के संघर्ष की कुछ लाज आप लोग रख लीजिए. सिर्फ उतनी देर का समय आप लोगों से मांग रहे हैं. उन्होंने अपने वीडियो संदेश में कहा कि, जब मैंने सुना कि अमरमणि त्रिपाठी और मधुमणि की रिहाई का आदेश राज्यपाल महोदया ने दिया है तो मुझे बहुत हैरानी हुई. मैं यूपी सरकार और राज्यपाल को पिछले 15 दिनों से पत्र और ईमेल के जरिये लगातार सूचना दे रही हूं कि हमने अमरमणि के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. इस पर 25 अगस्त यानी आज सुबह 11 बजे सुनवाई है, फिर यह आदेश किस तरह से हुआ है?
कवयित्री मधुमिता शुक्ला के हत्याकांड मामले में आज पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी की रिहाई का आदेश मिल गया है. मधुमिता शुक्ला की बहन निधि शुक्ला ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा- मेरे 20 सालों के संघर्ष की आप लोग कुछ लाज रख लीजिए.#MadhumatiShukla #UttarPradesh #UPNews… pic.twitter.com/3iedfSMRaY
— Bharat Express (@BhaaratExpress) August 25, 2023
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गोली मारकर कर दी थी हत्या
साल 2003 में 9 मई को कवयित्री मधुमिता शुक्ला की लखनऊ के निशातगंज स्थित पेपर मिल कॉलोनी में गोली मारकर हत्या कर दी थी. उस समय की तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती (Mayawati) ने इस मामले पर राजनीति गरमाने के बाद इसकी जांच सीबीआई (CBI) को सौंप दी थी. जांच के दौरान अमरमणि पर गवाहों को धमकाने के आरोप लगे तो मामले को देहरादून की फास्ट ट्रैक कोर्ट शिफ्ट किया गया. जहां जांच एजेंसी ने अमरमणि और उनकी पत्नी मधुमणि को दोषी करार दिया.
– भारत एक्सप्रेस