शव यात्रा के दौरान ‘राम नाम सत्य है’ क्यों बोलते हैं? यहां जाने इसका महत्त्व
By निहारिका गुप्ता
G 20 Summit India: राजधानी दिल्ली में आज भारत की अध्यक्षता में हुई G20 समिट का समापन हो गया. दो दिनों तक चले समिट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में भारत ने कई प्रस्ताव दिए, जिन्हें दुनिया भर ने सराहा. समिट के दौरान इंटरनेशनल मीडिया सेंटर में भारत एक्सप्रेस के चेयरमैन एवं सीएमडी उपेन्द्र राय पहुंचे. यहां उन्होंने G20 समिट पर अपने विचार व्यक्त करते हुए बताया कि ये भारत के लिहाज से कैसा रहा.
भारत एक्सप्रेस के चेयरमैन बोले, “भारत ने G-20 के इस आयोजन से दुनिया में स्वयं को एक विकसित देश की तरह पेश किया, जो गर्व की बात है. एक जो G-7 संगठन है, उसे विकसित देशों का समूह कहा जाता है. उसी तरह G-20 संगठन में दुनिया की 20 बड़ी इकोनॉमी हैं. लेकिन इसके सभी सदस्य देश विकसित नहीं हैं. इस बार G-20 की समिट में यह देखने लायक था कि भारत ने पीएम नरेंद्र मोदी की अगुवाई में जिस मैच्योरटी से पूरी दुनिया के सामने अपनी बात रखी, उस तरह से बात रखने की हैसियत किसी भी विकसित राष्ट्र के नेता में, जो बाइडेन को छोड़ दिया तो आज की तारीख में कोई दूजा ऐसा नहीं है.”
आज भारत ने G-20 समिट के सफल आयोजन के साथ ये घोषित कर दिया है कि हम विकासशील नहीं, बल्कि विकसित देश हैं. यदि G-7 के बाद यदि कोई एक नाम उस समूह में जुड़ेगा तो वो भारत होगा. भारत ये हैसियत इसलिए रखता है कि भारत ने G-20 के जरिए कई संदेश दिए हैं. पहला तो पीएम मोदी का वो व्यक्तिगत संदेश है, जिसमें ‘वसुधैव कुटुंबकम’ का स्लोगन है. जो पीएम मोदी की धार्मिकता है, उनकी मैच्योरटी है..जिस तरह वो दुनिया के नेताओं को भारत के बारे में बताना चाह रहे थे, जो कुछ वो कह रहे थे..जिस तरह उन्होंने विश्व पटल पर भारत की उपस्थिति दर्ज कराई..उसके पीछे बड़ा कारण है.
उन्होंने कहा, “भारत में जो धर्म है वो लगभग 11 हजार साल पुराना है..यहूदियों का जो मजहब है वो लगभग 3 हजार साल पुराना है. ईसाई मजहब 1900 साल पुराना है, इस्लाम तो नया नया 1400 साल पहले का मजहब है..और ये तीनों मजहब स्वर्ग और नर्क की सीढी से ऊपर नहीं उठ पाते. इनका अद्वैत खत्म नहीं हुआ. लेकिन भारत धर्म इससे परे है. यहां (भारत में) धर्म में स्वर्ग व नर्क से परे मोक्ष की बात हुई. और, मोक्ष भारत में वो शब्द है, जो पूरी दुनिया की धरती पर और कहीं नहीं सुना जाता, केवल भारत में पाया जाता है. भारत की अहमियत को प्रधानमंत्री ने जिस तरह से G-20 के नेताओं के समक्ष दर्शाया, कोणार्क के सूर्य मंदिर, चक्र, नटराज जैसी अनेकों चीजें भारत मंडपम में नजर आईं, ये सोच कमाल की है.”
— भारत एक्सप्रेस
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