जयराम रमेश और गिरिराज सिंह
Jairam Ramesh: कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने नई संसद को मोदी मल्टीप्लेक्स कहकर एक नया विवाद छेड़ गिया है. इसके बाद से ही बीजेपी अब इस मामले पर कांग्रेस पार्टी जमकर हमला बोल रही है. कांग्रेस नेता ने कहा था कि जब 2024 में सरकार बदलेगी तो संसद भवन की नई इमारत का बेहतर तरीके से इस्तेमाल किया जाएगा. इसके बाद बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने कांग्रेस पर हमला बोला है. इसी कड़ी में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह भी भड़क उठे, उन्होंने कांग्रेस नेता पर हमला बोलते हुए मांग कर डाली कि 1 सफदरजंग रोड कॉम्प्लेक्स (जो कि देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का आवास हुआ करता था और जिसे उनकी हत्या के बाद उनके स्मारक/ संग्रहालय में परिवर्तित कर दिया गया था ) को तुरंत भारत सरकार को लौटा दिया जाना चाहिए.
हालांकि इसके पीछे गिरिराज सिंह ने तर्क दिया कि सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों के लिए अब पीएम संग्रहालय में जगह की व्यवस्था कर दी गई है.
ट्वीट कर बोला हमला
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश का पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, “मैं मांग करता हूं कि पूरे भारत में राजवंशीय गढ़ों का मूल्यांकन और युक्तिसंगत बनाए जाने की आवश्यकता है. इसकी शुरुआत के लिए 1 सफदरजंग रोड कॉम्प्लेक्स को तुरंत भारत सरकार को लौटा दिया जाना चाहिए क्योंकि सभी प्रधानमंत्रियों के पास अब पीएम संग्रहालय में जगह है.”
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जयराम रमेश ने क्या कहा था?
इतने भव्य प्रचार-प्रसार के साथ उद्घाटन किया गया नया संसद भवन प्रधानमंत्री के उद्देश्यों को स्पष्ट रूप से दिखाता है. इसे मोदी मल्टीप्लेक्स या मोदी मैरियट कहा जाना चाहिए. चार दिनों में मैंने देखा कि दोनों सदनों के अंदर और लॉबी में बातचीत एवं संवाद ख़त्म हो गई है। यदि वास्तुकला लोकतंत्र को ख़त्म कर सकती, तो संविधान को फिर से लिखे बिना ही प्रधानमंत्री इसमें सफल हो गए हैं.
इतने भव्य प्रचार-प्रसार के साथ उद्घाटन किया गया नया संसद भवन प्रधानमंत्री के उद्देश्यों को स्पष्ट रूप से दिखाता है। इसे मोदी मल्टीप्लेक्स या मोदी मैरियट कहा जाना चाहिए। चार दिनों में मैंने देखा कि दोनों सदनों के अंदर और लॉबी में बातचीत एवं संवाद ख़त्म हो गई है। यदि वास्तुकला… https://t.co/z2s65xrHqJ
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) September 23, 2023
उन्होंने आगे कहा कि अब संसद में भ्रमण का आनंद गायब हो गया है. मैं पुरानी बिल्डिंग में जाने के लिए उत्सुक रहता था. नया कॉम्प्लेक्स दर्दनाक और पीड़ा देने वाला है. मुझे यकीन है कि पार्टी लाइन्स से परे मेरे कई सहयोगी भी ऐसा ही महसूस करते होंगे. मैंने सचिवालय के कर्मचारियों से यह भी सुना है कि नए भवन के डिज़ाइन में उन्हें काम में मदद करने के लिए आवश्यक विभिन्न व्यावहारिकताओं पर विचार नहीं किया गया है. 2024 में सत्ता परिवर्तन के बाद शायद नए संसद भवन का बेहतर उपयोग हो सकेगा.
https://youtu.be/SmPBFTt-sVk?si=NOqUn6AMZL_GFzo3
– भारत एक्सप्रेस
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