Bharat Express

Gyanvapi Survey: ज्ञानवापी सर्वे की रिपोर्ट आज की गई कोर्ट में पेश, ASI ने न्यायाधीश को दिखाईं खंडित मूर्तियां और सैकड़ों चिह्न

Gyanvapi News: ज्ञानवापी में सर्वे के दौरान ASI को देवी देवताओं की खंडित मूर्तियां, घड़ा, चिह्न जैसे 250 अवशेष मिले थे. इन्हें DM की निगरानी में लॉकर में जमा कराया गया. अब सभी अवशेषों को कोर्ट में पेश किया गया है.

Gyanvapi Case

अदालत में ज्ञानवापी के मामलों की सुनवाई.

Study Report Of Gyanvapi: महादेव की नगरी काशी में ज्ञानवापी मंदिर-मस्जिद सर्वे की रिपोर्ट भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने आज कोर्ट में पेश कर दी है. ASI के एडिशनल डायरेक्टर ने वाराणसी के जिला जज (न्यायाधीश) को रिपोर्ट सील बंद लिफाफे में सौंपी. सूत्रों के मुताबिक, यह रिपोर्ट 1500 से ज्यादा पेज की है. उस रिपोर्ट में अनेकों मूर्तियां, घड़ा, चिह्न जैसे 250 अवशेष मिलने का जिक्र है.

संवाददाता ने बताया कि इस मामले में अब 21 दिसंबर को कोर्ट का फैसला आ सकता है. सर्वे रिपोर्ट की कॉपी 21 दिसंबर को ही पक्षकारों को दी जाएगी. ज्ञानवापी सर्वे मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील विष्णु शंकर जैन ने ASI से सर्वे रिपोर्ट की कॉपी की मांग की है. विष्णु जैन ने कहा, “ASI ने 4 अगस्त के कोर्ट के फैसले का अनुसरण करते हुए सीलबंद कवर में आज अपनी रिपोर्ट दायर की है. हमने जिला अदालत के समक्ष एक आवेदन दायर किया है कि हमें रिपोर्ट की एक प्रति प्रदान की जानी चाहिए और मीडिया को यह आदेश नहीं दिया जा सकता कि आप इस रिपोर्ट के बारे में बात नहीं कर सकते या आप इस रिपोर्ट के बारे में कुछ प्रकाशित नहीं कर सकते.”

Gyanvapi mosque

  • फोटो— यही वो मस्जिद है, जिसे एक मुगल शासक ने काशी में बनवाया.

वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा— “मामले में अगली सुनवाई 21 दिसंबर को होगी, तब हम भी वहां मौजूद रहेंगे. यदि डिस्ट्रिक्ट कोर्ट कोई आदेश पारित नहीं करती है, जो कानून के अनुरूप है, तो हम सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष अपील दायर करेंगे.”

बता दें कि कोर्ट ने कई बार ASI को यह आदेश दिया था कि वो ज्ञानवापी में हुए सर्वे की रिपोर्ट को न्यायाधीश के समक्ष प्रस्तुत करे. ASI ने दो-तीन बार रिपोर्ट जमा करने के लिए कोर्ट से और समय मांगा था. जोकि उसे दिया भी गया था. वाराणसी जिला न्यायाधीश ने 21 जुलाई को सर्वे का आदेश दिया था.

— भारत एक्सप्रेस



इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.

Also Read

Latest