सीएम योगी आदित्यनाथ (फोटो ANI)
UP News: विकास के पंख लगातार तेजी से ऊंची उड़ान भरते उत्तर प्रदेश को एक और नया औद्योगिक शहर मिलने जा रहा है. यूपी की योगी सरकार नोएडा की तरह दो नए औद्योगिक नगर को बसाने जा रही है. इसको शिकागो की तर्ज पर विकसित किया जाएगा. इसके लिए ग्रेटर नोएडा के दादरी और बुलंदशहर के 84 गांवों की जमीन ली जाएगी. यूपी सरकार द्वारा इसको लेकर बड़ा फैसला लिया गया है. यह इस वजह से भी है क्योंकि बड़ी संख्या में बड़े बिजनेस मैन का रुख यूपी में निवेश को लेकर सामने आया है. माना जा रहा है कि, यूपी में औद्योगिक विकास की रफ्तार यूपी को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल करने में भी बड़ी भूमिका निभाएगी. डिफेंस कॉरिडोर परियोजना से रक्षा क्षेत्र में उत्तर प्रदेश को नई पहचान मिली है.
अतिरिक्त 5 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान
बता दें कि बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बीडा) के गठन के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 में सरकार की ओर से 5 हजार करोड़ की व्यवस्था की गई थी और इस वर्ष (2023-24)में मुख्यमंत्री औद्योगिक क्षेत्र विस्तारीकरण व नए औद्योगिक क्षेत्र प्रोत्साहन योजना मद के तहत ऋण के रूप में 5000 करोड़ रुपए का प्राविधान किया गया है. जो जमीन अधिग्रहीत की जाएगी, उसमें 8 हजार एकड़ जमीन ग्राम समाज की है. तो वहीं बीडा के नाम से नया औद्योगिक शहर झांसी-ग्वालियर मार्ग बसाया जाएगा. बड़ी बात ये है कि बीडा का आकार नोएडा से बड़ा होगा. जहां नोएडा को 13 हजार हेक्टेयर जमीन पर बसाया गया तो वहीं बीडा को 14 हजार हेक्टेयर जमीन पर विकसित किया जाएगा. इसको शिकागो की तर्ज पर विकसित किया जाएगा. इसके लिए ग्रेटर नोएडा के दादरी और बुलंदशहर के 84 गांवों की जमीन ली जाएगी.
ये भी पढ़ें- UP News: यूपी के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा का तीसरी बार बढ़ा कार्यकाल, देखें कितने दिन के लिए हुआ सेवा विस्तार
बता दें कि हाल ही में नोएडा प्राधिकरण बोर्ड की हुई बैठक में नोएडा के मास्टर प्लान-2041 को मंजूरी दी गई, जिसमें न्यू नोएडा विकसित किया जाना प्रस्तावित है. शासन से मंजूरी मिलते ही जमीन का अधिग्रहण शुरू कर दिया जाएगा. इसी के साथ ही बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण के अंतर्गत टाउनशिप समेत औद्योगिक स्थापना के लिए आवश्यक सभी आवश्यक सुविधाओं का यहां समावेश होगा. इसके गठन से क्षेत्र का सर्वागीण विकास होगा तथा बड़े पैमाने पर रोजगार का सृजन होगा. जन सामान्य को क्षेत्रीय विकास के साथ ही रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे, जिसका प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा. यह कदम प्रदेश के विकास में भी बहुत बड़ा योगदान देगा. सरकार ने जो वन ट्रिलियन इकॉनमी बनने का संकल्प लिया है, वो इसके माध्यम से पूरा हो सकेगा. बता दें कि नया नोएडा 20 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में बसाए जाने की योजना है. इसमें कर्मचारियों के लिए आवास की भी सुविधा होगी.
बड़ी परियोजनाओं को लगे पंख
बता दें कि उत्तर प्रदेश में बड़ी परियोजनाओं पर तेजी से कार्य जारी है. यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे राज्य का पहला मेडिकल डिवाइस पार्क विकसित किया जा रहा है. बता दें कि, यहां पर फिल्म सिटी के साथ ही अपैरल पार्क, टॉय पार्क, हस्तशिल्प पार्क और लॉजिस्टिक हब भी विकसित किया जा रहे हैं. तो दूसरी ओर ग्रेटर नोएडा में IIT GNL, उन्नाव में ट्रांस गंगा सिटी, बरेली में मेगा फूड पार्क, गोरखपुर में प्लास्टिक पार्क व गारमेंट पार्क तथा कई फ्लैटेड फैक्ट्री परिसर का भी निर्माण जारी है.
मेगा टेक्सटाइल पार्क भी ले रहा है आकार
बता दें कि प्रदेश सरकार लखनऊ और हरदोई में करीब 1000 एकड़ में मेगा टेक्सटाइल पार्क की स्थापना करने जा रही है. ये पीएम मित्र यानी पीएम मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल एंड अपैरल योजना के तहत किया जा रहा है. इसका उद्देश्य एक ही जगह पर टेक्सटाइल उद्योग को लाना है ताकि उनकी लॉजिस्टिक लागत को कम किया जा रहे. इसी के साथ ही ये पार्क टेक्सटाइल उद्योग के लिए अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा भी प्रदान करेगा. मिली जानकारी के मुताबिक ये पार्क टेक्सटाइल एवं परिधान क्षेत्र में 10 हजार से 15 हजार करोड़ के निवेश तो आकर्षित करेगा ही साथ ही करीब एक लाख प्रत्यक्ष और 2 लाख अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसरों का भी सृजन करेगा.
यूपी को मिली है बड़ी सफलता
बता दें कि हाल ही में यूपी को बड़ी सफलता मिली है. भारत सरकार की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग एवं विभिन्न राज्यों में लॉजिस्टिक सुलभता (लीड्स) रैंकिंग में अचीवर्स श्रेणी मिली है. बता दें कि कारोबारी सुगमता के तहत निवेश मित्र के माध्यम से उद्यमियों को 37 विभागों की 454 से ज्यादा ऑनलाइन सेवाएं प्रदान की जा रही हैं. इसी के साथ ही निवेश मित्र में लगातार अन्य सेवाएं जोड़ी जा रही हैं. तो वहीं इसे देश के अग्रणी पोर्टलों में से एक माना जा रहा है, जिनको नेशनल सिंगल विंडो सिस्टम में एकीकृत किया गया है.
यूपी सरकार ने घोषित की है प्रोत्साहन नीति
बता दें कि यूपी सरकार ने FDI फॉर्च्यून ग्लोबल 500 और फॉर्च्यून इंडिया 500 कंपनियों के निवेश को प्रभावित करने के लिए एक समर्पित नीति “फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट एवं फॉर्च्यून 500 कम्पनियों के निवेश हेतु प्रोत्साहन नीति 2023 ” घोषित की है. ये पहला ऐसा प्रयास है, जिसके माध्यम से किसी विभाग द्वारा बड़े पैमाने पर वैश्विक निवेश को आकर्षित कर रहा है. इसी के साथ ही प्रदेश सरकार प्रदेश के पूर्व औद्योगिक नीतियों (2003, 2012 व 2017) के तहत प्रदेशीय इंडस्ट्रियल एंड इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन (पिकप) के जरिए से करीब 230.40 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन राशि निवेशकों को प्रदान की गई है.
रक्षा उत्पादों के लिए यूपी में बड़ी योजना
मीडिया सूत्रों के मुताबिक, झांसी, कानपुर, आगरा, चित्रकूट, अलीगढ़, लखनऊ यानी इन 6 जिलों में डिफेंस कॉरिडोर विकसित किया जा रहा है. तो वहीं डिफेंस कॉरिडोर में करीब 25 हजार करोड़ रुपए के प्रस्तावों को अंतिम रूप दे दिया गया है. लखनऊ, झांसी, अलीगढ़ में निवेश करने के लिए बहुराष्ट्रीय कम्पनियों ने रुचि दिखाई है. यूपी में 6 नोड में अभी तक 138 MOU हो चुके हैं. डिफेंस कॉरिडोर के लिए 5 हजार हेक्टेयर जमीन अधिग्रहीत करने की योजना है. तो वहीं लगभग 17 सौ हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण करके निवेशकों को दिया जा चुका है.
नोएडा में इनको मिलेगी बड़ी राहत
बता दें कि यूपी सरकार ने नोएडा में 2 लाख 40 हजार फ्लैट खरीदारों को बड़ी राहत देते हुए रजिस्ट्री और कब्जा देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. बता दें कि इस फैसले के बाद करीब 2.5 लाख करोड़ रुपए के रीयल इस्टेट परियोजनाओं के राह में आने वाले रोड़े हट गए हैं.
प्रदेश में बनेंगे 5 एक्सप्रेसवे के किनारे 30 आद्योगिक गलियारे
बता दें कि यूपी में पांच एक्सप्रेस वे के किनारे ही 30 आद्योगिक गलियारों को विकसित किए जाने की योजना है. 12 जिलों को जोड़ने का काम करने वाले गंगा एक्सप्रेसवे पर 11 जगहों को औद्योगिक गलियारे के लिए चुना गया है. एक जानकारी के मुताबिक, इनका क्षेत्रफल 1522 हेक्टेयर है और इस पर लगभर 2300 करोड़ रुपए खर्च होने की सम्भावना है. तो वहीं 7 जिलों को एक साथ जोड़ने वाले बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के किनारे 6 जगहों की पहचान औद्योगिक गलियारों के लिए की गई है. बता दें कि आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे प्रदेश के 10 जिलों से होकर गुजरता है तो वहीं खबरों के मुताबिक 1884 हेक्टेयर पर बनने वाले इन गलियारों पर करीब 1500 करोड़ रुपए खर्च होंगे.
तो वहीं इस एक्सप्रेस वे पर 5 जगहों का चयन औद्योगिक गलियारे के विकास के लिए किया गया है, जिसकी कुल क्षेत्रफल 532 हेक्टेयर है और इनके विकास के लिए 650 करोड़ रुपए खर्च होने की बात सामने आई है. फिलहाल 9 जिलों को जोड़ने वाले पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर आद्योगिक गलियारे के लिए 5 स्थानों का चयन किया गया है. इन गलियारों को 1586 हेक्टेयर पर बनाया जाएगा और इस पर 2300 करोड़ रुपए का खर्च होगा. तो वहीं गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे के किनारे भी दो जगहों को आद्योगिक गलियारे के निर्माण के लिए चुना गया है. तो वहीं कुल 345 हेक्टेयर में फैले इन दो गलियारों के विकास पर 320 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान लगाया जा रहा है.
-भारत एक्सप्रेस