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‘बेटी कहती थी मुझे पैसों की जरूरत नहीं, चाहती हूं ज्यादा मरीजों को ठीक करूं’, कोलकाता रेप पीड़िता की मां का यह पत्र पढ़कर हो जाएंगे भावुक

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की ट्रेनी डॉक्‍टर से रेप-मर्डर की घटना ने पश्‍चिम बंगाल में डॉक्‍टरों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं. उस डॉक्‍टर की मां ने एक पत्र में बिटिया की अधूरी ख्वाहिश और आपबीती को बयां किया है.

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Kolkata News: पश्चिम बंगाल में कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल की महिला डॉक्‍टर से रेप के बाद हत्‍या का मामला देशभर में चर्चा में है. वहां पिछले महीने 31 वर्षीय ट्रेनी डॉक्‍टर से दरिंदगी के बाद उसकी हत्‍या कर दी गई थी, इस घटना के बाद से बंगाल में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं.

इस बीच शिक्षक दिवस के मौके पर उस ट्रेनी डॉक्‍टर युवती की मां का एक पत्र सामने आया है. उस पत्र में मां ने अपनी बेटी के लिए इंसाफ की मांग की है. मां ने अपनी बेटी की अधूरी ख्वाहिश के बारे में भी बताया और बेटी के मेडिकल कॉलेज के सभी शिक्षकों, डॉक्टरों, स्वास्थ्य अधिकारियों, नर्सिंग स्टाफ से भी एक प्रार्थना की.

पत्र में ऐसे छलका मृतका की मां का दर्द

कोलकाता कांड की पीड़िता की मां ने बंगाली भाषा में पत्र लिखा. जिसका हिंदी अनुवाद इस प्रकार है- ‘मैं गरीब मृतका की मां हूं…आज शिक्षक दिवस पर मैं अपनी बेटी की तरफ से उसके सभी शिक्षकों को नमन करती हूं. बचपन से ही उसका सपना डॉक्टर बनने का था. उस सपने के पीछे आप ही प्रेरक शक्ति थे.”

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पीड़िता की मां ने भावनात्मक पत्र लिखा

5 सितंबर, शिक्षक दिवस के मौके पर पीड़िता की मां ने बेटी को पढ़ाने वाले शिक्षकों की सराहना की, उन्‍होंने पत्र में लिखा, “हम उसके अभिभावक के रूप में उसके साथ रहे हैं, उसने खुद भी बहुत मेहनत की. लेकिन मुझे लगता है, क्योंकि उसे आप जैसे अच्छे शिक्षक मिले, इसलिए वह डॉक्टर बनने का अपना ख्वाब पूरा कर पाई.”

मृतका की मां ने आगे लिखा, “फिर डिग्री की बात आई, मेरी बेटी कहती थी, ‘मां मुझे पैसे की जरूरत नहीं है, बस अपने नाम के आगे ढेर सारी डिग्रियां चाहिए और मैं चाहती हूं कि ज्यादा से ज्यादा मरीजों को ठीक करूं.”

‘बेटी का गोल्ड मेडलिस्ट बनने का सपना अधूरा रह गया’

मां ने घटना के दिन का जिक्र करते हुए आगे कहा, “उस दिन भी जब वह (बेटी) घर से बाहर गई थी, तब भी उसने अस्पताल में कई मरीजों की सेवा की थी. ड्यूटी के दौरान हैवानों ने उसकी हत्या कर दी और उसके ख्वाबों का बेरहमी से गला घोंट दिया गया. उस रात लिखा गया एमडी में गोल्ड मेडलिस्ट बनने का सपना आज भी अधूरा है. इस जघन्य घटना के बाद भी अस्पताल प्रशासन और अधिकारियों द्वारा सारे सबूत मिटाने की पूरी तैयारी कर ली गई थी.”

‘अच्छे लोगों की चुप्पी अपराधियों के हौसले बुलंद करती है’

पत्र के आखिरी हिस्से में मां ने लिखा, “एक मां होने के नाते मेरा आरजी कर मेडिकल कॉलेज के सभी शिक्षकों, डॉक्टरों, स्वास्थ्य अधिकारियों, नर्सिंग स्टाफ से निवेदन है कि अगर आपके पास कोई जानकारी और सबूत है तो कृपया उसे सामने लाएं क्योंकि मुझे लगता है कि कुछ अच्छे लोगों की चुप्पी अपराधियों के हौसले बुलंद करती है. मेडिकल समाज और आम लोगों के आंदोलन के साथ खड़े होने के मैसेज के साथ और शिक्षक दिवस पर सभी शिक्षकों को नमन करते हुए, बच्ची को इंसाफ दिलाने की उम्मीद के साथ.”

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– भारत एक्‍सप्रेस

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