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मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने बजट की सराहना की, कहा- ‘हर वर्ग का रखा गया ख्याल’

नए बजट में ग्रामीण विकास, कौशल, नौकरियों, शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि के मद में रकम को बढ़ाया गया है.

Muslim Rastriya Manch

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच

New Delhi: मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने बजट की सराहना करते हुए उसे पूरी तरह से संतुलित और दमदार बताया है. मंच की ओर से कहा गया कि इसमें समाज के हर तबके का खास ख्याल रखा गया है. नए बजट में ग्रामीण विकास, कौशल, नौकरियों, शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि के मद में रकम को बढ़ाया गया है. मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी शाहिद सईद ने कहा कि महंगाई और बेरोजगारी से निपटने के लिए आम आदमी को सरकार ने कई बड़ी राहत दी है. उन्होंने कहा कि कुल मिला कर इसे चौतरफा विकास के लिए सभी वर्गों को साधता एक संतुलित बजट कहा जा सकता है. शाहिद ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने न सिर्फ अब तक सबसे अधिक लगातार सात बजट पेश कर रिकॉर्ड बनाया बल्कि एक अच्छा बजट पेश करने के लिए वह बधाई की पात्र हैं.

शिक्षा पर 1.48 लाख करोड़

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय संयोजक और भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय की इकाई, “नेशनल कमीशन फॉर माइनोरिटी एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन” (NCMEI) के सदस्य डॉक्टर शाहिद अख्तर ने कहा कि बजट नए अवसर, ढेर सारे रोजगार और स्वरोजगार देने वाला है. बजट युवा वर्ग के लिए ब्राइट फ्यूचर लेकर आया है. यह विकसित भारत की ठोस नींव रखेगा. साथ ही विकास को नई ऊंचाई पर लेकर जाएगा.

शाहिद अख्तर ने कहा कि शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार के लिए बजट आवंटन में 30 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए इस वित्तीय वर्ष में 1.48 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. केंद्रीय बजट में सरकार ने लोगों को कई बड़ी राहत दी है. उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा को भी प्राथमिकता दी गई है और इस पर 44,095 करोड़ रुपये का आवंटन कर किया गया है. विश्व स्तरीय प्रतिष्ठित संस्थानों के लिए बजट में 1800 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है जबकि अनुसंधान और नवाचार के लिए 355 करोड़ रुपये व समग्र शिक्षा अभियान के लिए 37, 500 करोड़ का प्रावधान किया गया है. डॉक्टर अख्तर इसे भारत के उज्जवल भविष्य के रूप में देखते हैं.

महिलाओं के लिए है विशेष

मंच की राष्ट्रीय महिला संयोजिका मंडल की डॉक्टर शालिनी अली ने बजट में महिलाओं के लिए उठाए गए कदम की प्रशंसा करते हुए कहा कि कामकाजी महिलाओं के लिए महिला हॉस्टल और शिशु गृहों की स्थापना की जाएगी. रोजगार प्रोत्साहन के लिए तीन योजनाएं घोषित की गई है. यह योजना बेरोजगारी दूर करने में मिल का पत्थर साबित होगा. डॉक्टर शालिनी ने कहा कि महिलाओं के लिए पहली बार नौकरी पर अतिरिक्त वेतन का प्रावधान हुआ है जो सरकार की उज्ज्वल योजना पर रोशनी डालती है.

हर साल 25 हजार छात्रों की मदद के लिए मॉडल कौशल ऋण योजना में संशोधन का प्रस्ताव है. घरेलू संस्थानों में उच्च शिक्षा के लिए 10 लाख रुपये तक के ऋण के लिए ई-वाउचर की सुविधा दी गई है. हर साल 1 लाख छात्रों को ऋण राशि पर 3% वार्षिक ब्याज की छूट दी जाएगी. सोने-चांदी के दाम लगातार बढ़ रहे थे, ऐसे में सोने-चांदी पर कस्टम ड्यूटी घटाकर 6 फीसदी करने से सोने और चांदी के गहने कुछ सस्ते हो जाएंगे. निश्चित रूप से यह खासकर महिलाओं के लिए बड़ा तोहफा माना जा सकता है.

कैंसर का इलाज होगा सस्ता

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय संयोजक डॉक्टर माजिद तालिकोटि ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए वित्त वर्ष 2024-25 कैंसर से जुड़ी बीमारियों में इस्तेमाल होने वाली दवाओं और उपकरणों पर कस्टम ड्यूटी घटाने से कैंसर का इलाज कुछ सस्ता होने की उम्मीदें बढ़ी हैं. बजट में लगभग 90 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, जो पिछले वित्त वर्ष के के आवंटन से ज्यादा है. डॉक्टर माजिद ने कहा कि इसे और ज्यादा बढ़ाने की जरूरत महसूस हो रही थी. दरअसल वैश्विक मानकों के अनुसार किसी भी देश को स्वास्थ्य पर कम से कम 3 फीसद खर्च करना चाहिए जबकि भारत में स्वास्थ्य पर करीब 1.3 फीसद ही खर्च हो पा रहा है. कुल मिला कर सरकार इस गैप को पूरा करने की कोशिश कर रही है जो अच्छी सोच है.

बजट में चौतरफा ध्यान

शाहिद सईद ने कहा कि बजट में हर वर्ग का ध्यान रखा गया है. महिलाओं और लड़कियों को लाभ पहुंचाने वाली योजनाओं के लिए तीन लाख करोड़ रुपये के आवंटन और मुद्रा ऋण की सीमा 10 लाख से बढ़ाकर 20 रुपये लाख रुपये करने की घोषणा की गई है. एमएसएमई और विनिर्माण पर खास ध्यान देते हुए एमएसएमई को उनके तनाव की अवधि के दौरान बैंक ऋण जारी रखने की सुविधा के लिए नई व्यवस्था की घोषणा की गई है. पीएम आवास योजना के तहत 3 करोड़ अतिरिक्त घर बनाए जाएंगे, जो ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में होंगे.

बजट में विभिन्न क्षेत्रों के लिए की गई अन्य विशेष घोषणाओं में शहरी आवास योजना के लिए 10 लाख करोड़ रुपये, ग्रामीण विकास के लिए 2.66 लाख करोड़ रुपये, सड़क सम्पर्क परियोजनाओं के लिए 26 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. नई आयकर व्यवस्था के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा को 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार रुपये किया गया है और टैक्स की दरों में भी बदलाव किया गया है. अब 3 लाख तक की आय पर कोई कर नहीं देना होगा.

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-भारत एक्सप्रेस

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