मौलाना सैयद अरशद मदनी (फोटो ट्विटर)
Jamiat Ulema-e-Hind: दिल्ली के रामलीला मैदान में रविवार को जमीयत उलेमा-ए-हिंद का अधिवेशन हुआ. इस दौरान यहां सभी धर्मों के गुरू और संत महात्मा इकट्ठा हुए थे. अधिवेशन में उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना सैयद अरशद मदनी (Maulana Arshad Madani) ने एक विवादित बयान दिया जिसके बाद मंच पर बवाल हो गया. जैन गुरु आचार्य लोकेश मुनि इस पर आपत्ति जताते हुए मदनी के विवादित बयान पर जमकर लताड़ लगाई. जिसके बाद कई धर्म गुरुओं ने मंच छोड़ दिया.
मदनी के विवादित बयान पर जवाब देते हुए जैन गुरु लोकेश मुनि (Acharya Lokesh Muni) ने मंच से कहा, “प्यार मोहब्बत की बात स्वामी चिरनानंद सरस्वती महाराज जी ने की, एक माहौल बनाया. मैंने भी अपने विचार रखे. संयोजक सुशील महाराज ने बड़ी ही प्यार मोहब्बद की बातें की. हमारे सिख समाज से परमजीत सिंह ने बड़ी ही प्यार- मोहब्बत की बातें कीं. कितुं उसके बाद मदनी साहब का जो वक्तव्य हुआ, हम में से कोई उससे सहमत नहीं हैं.”
‘मोहन भागवत के बयान की आलोचना की’
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के 34वें अधिवेशन में मौलाना अरशद मदनी (Maulana Arshad Madani) ने मोहन भागवत के बयान की आलोचना की. उन्होंने कहा कि “उनका अल्लाह और ओम एक हैं”. मदनी ने कहा कि हम सबसे पहले इसी देश में पैदा हुए और इसलिए घर वापसी और सारे मुसलमान भी हिंदू हैं, यह बयान जाहिल जैसा है”. मदनी के बयान पर जैन गुरु लोकेश मुनि ने स्टेज पर खड़े होकर विरोध जताया और कहा कि जोड़ने वाले कार्यक्रम में आपत्तिजनक बातें क्यों?
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‘धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए’
इससे पहले महमूद मदनी ने कहा था कि “बीजेपी और RSS से कोई दुश्मनी नहीं है, लेकिन धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमारे वैचारिक मतभेद हैं. RSS के संस्थापक की किताब बंच ऑफ थॉट्स को लेकर कई समस्याएं हैं, लेकिन वर्तमान RSS प्रमुख के हालिया बयानों को भी नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि हम मतभेदों को खत्म करने के लिए आरएसएस प्रमुख और उनके नेताओं का स्वागत करते हैं”.
– भारत एक्सप्रेस
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