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Rajasthan: ओवैसी की पार्टी 40 सीटों पर उतारेगी अपने प्रत्याशी, कांग्रेस को लग सकता है बड़ा झटका, जानिए क्या है सियासी समीकरण

Rajasthan Assembly Election: राजस्थान में हर बार 5 साल में सरकार बदलने की परंपरा चलती आ रही है. ऐसे में ओवैसी के मैदान में उतरने से कांग्रेस की माथे पर चिंता की लकीर बनना शुरू हो गई होगी.

Asad-Owaisi

AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी (फोटो फाइल)

Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं जिसको लेकर सभी पार्टियां अपनी-अपनी रणनीतियां बनाने में जुट गई हैं. एक तरफ कांग्रेस और बीजेपी ने अपनी-अपनी सरकार बनाने का दावा ठोक रही हैं तो वहीं अब एआईएमआईएम (AIMIM) चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने भी राजस्थान विधानसभा चुनाव में उतरने का एलान कर दिया है. ऐसे में माना जा रहा है कि ओवैसी का राजस्थान के उतरना कांग्रेस के लिए खतरा साबित हो सकता है.

असदुद्दीन ओवैसी ने अलवर में कहा कि 200 में से 40 सीटों पर पार्टी चुनाव में प्रत्याशी उतारेगी. इससे पहले उन्होंने टोंक में एक बड़ी जनसभा को संबोधित करते हुए प्रदेश में विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की थी. ओवैसी मस्लिम इलाकों में अच्छी खासी पकड़ रखते हैं. इसलिए उनकी पार्टी ने बिहार विधानसभा चुनाव में 5 सीटों पर जीत हासिल की थी.

कांग्रेस को इन सीटों पर लग सकता है झटका

दरअसल राजस्थान के इन पांच जिलों में मुस्लिम आबादी अच्छी खासी है और वो चुनाव को पलटने के लिए अपना दमखम भी रखती है. सवाई, माधोपुर, टोंक, भरतपुर और अलवर जैसी जगहों पर मुस्लिम आबादी का दबदबा माना जाता है. इन सभी इलाकों में कुल मिलाकर 40 विधानसभा सीटें आती हैं, जिनमें से 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 29 सीटों पर जीत दर्ज की थी. वहीं तीन सीट बहुजन समाज पार्टी को मिली थी जबकि एक पर निर्दलीय जीता था. हालांकि बाद में सभी एक साथ आ गए थे. बीजेपी के पास मात्र इन जगहों पर 7 सीटें हैं.

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कांग्रेस और बीजेपी में रही है टक्कर

ऐसे में अगर इन इलाकों में ओवैसी की पार्टी यहां अपने प्रत्याशी उतारती है तो कांग्रेस को झटका लगने की आशंका ज्यादा है. राजस्थान में पहले से ही हर 5 साल पर जनता सरकार बदलती रही है. ऐसे में कांग्रेस की माथे पर चिंता की लकीर बनना शुरू हो गई होगी. अभी तक इन मुस्लिम आबादी वाली सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर रही है लेकिन जब यहां ओवैसी अपनी पार्टी के उम्मीदवार यहां उतारेगी तो नए समीकरण बनने तय हैं.

– भारत एक्सप्रेस

 

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