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UP Paper Leak case: उत्तर प्रदेश में पिछले महीनों के दौरान पेपर लीक की घटनाओं से युवा-वर्ग हतोत्साहित नजर आया, हालांकि राज्य सरकार ने कुछ ठोस कदम उठाकर परीक्षार्थियों का भरोसा जीतने की कोशिश की है. बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की भर्तियों के लिए होने वाली लिखित परीक्षाएं अब वित्त-विहीन स्कूलों में नहीं कराई जाएंगी. आयोग ऐसे स्कूलों को परीक्षा केंद्र नहीं बनाने की सिफारिश सरकार से करेगा.
गौरतलब हो कि इसी साल आयोजित हुई यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती के दौरान पेपर लीक होने की शिकायतें मिली थीं. आरोपों के बाद उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग अब अपनी छवि और प्रतियोगी परीक्षाओं लेकर बड़ा कदम उठाने जा रहा है. वहीं, पेपर लीक के मामलों में जांच में यह बात सामने आई है कि परीक्षाओं के सेंटर और पेपर छापने वाले कम्पनी से पेपर लीक की सबसे अधिक सम्भावना रहती है.
समीक्षा अधिकारी(आरओ)/सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) की प्रारंभिक परीक्षा का पेपरलीक होने के बाद आयोग अपनी परीक्षा व्यवस्था में बदलाव करने की तैयारी में है. इसके तहत उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग एक महीने पहले ही जिलो से परीक्षा केंद्रों की लिस्ट मांगेगा. राजकीय और सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों को ही परीक्षा केंद्र बनाया जाएगा.
उत्तर प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में 17 और 18 फरवरी 2024 को राज्य भर में आयोजित लिखित परीक्षा के लिए पेपर लीक की खबरें सामने आई, जिसके बाद सरकार ने इस भर्ती को रद्द करने का फैसला लिया. यूपी सरकार ने 24 फरवरी, 2024 को यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा-2023 को रद्द कर दी. इस मामले में कई गिरफ्तारियां भी हुईं.
RO और ARO पदों के लिए परीक्षा के समय पेपर लीक
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से समीक्षा अधिकारी (RO) और सहायक समीक्षा अधिकारी (ARO) परीक्षा 11 फरवरी, 2024 को आयोजित की गई थी. परीक्षा से एक दिन पहले ही, यानी 10 फरवरी को प्रश्न पत्र लीक होने की बात सामने आई जिसके बाद आयोग की तीन सदस्यीय आंतरिक जांच समिति ने आरओ और एआरओ के पेपर लीक के आरोपों की जांच शुरू की. इसके बाद, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट ‘एक्स’ के माध्यम से एग्जाम रद्द होने की जानकारी दी.
यूपी बोर्ड की 12वीं कक्षा का पेपर लीक
इसी साल 29 फरवरी को आगरा में यूपी बोर्ड की 12वीं क्लास के जीव विज्ञान और गणित की परीक्षा का पेपर व्हाट्सएप पर लीक होने की बात सामने आई थी.
नये बदलाव के तहत प्रश्नपत्रों को सेक्टर मजिस्ट्रेट के सामने ही खोला जाएगा और अगर वित्तविहीन स्कूल परीक्षा के लिए प्रस्तावित होते हैं तो सरकार को उसकी सूचना देते हुए परीक्षा कराने में असमर्थता जताई जाएगी. इसके अलावा बाहर से आने वाले अभ्यर्थीयों की सहूलियत का ध्यान रखते हुए जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दायरे में ही केंद्र बनाया जाएगा.
वर्तमान में व्यवस्था है कि एक सेक्टर मजिस्ट्रेट चार-पांच केंद्रों के प्रश्नपत्र (question paper) के पैकेट पहुंचाते हैं. कई बार केंद्र व्यवस्थापक (प्रधानाचार्य) की गैर-मौजूदगी में अन्य कर्मी को पैकेट देना पड़ता है. पैकेट पहुंचाने और परीक्षा शुरू होने के बीच जो समय होता है वो खासा संवेदनशील होता है. इस लिहाज से अब हर केंद्र के लिए एक-एक सेक्टर मजिस्ट्रेट तैनात होगी. वहीं सेक्टर मजिस्ट्रेट कोषागार से प्रश्नपत्र के पैकेट लेकर स्कूल पहुंचेंगे. सेक्टर मजिस्ट्रेट कोषागार से पेपर लेकर स्कूल में अपने सामने बंटवाएंगे.
— भारत एक्सप्रेस
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