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Parliament Winter Session: संसद के शीतकालीन सत्र का क्या है एजेंडा? सरकार ने सर्वदलीय बैठक में इन मुद्दों पर की चर्चा

All Party Meeting: शीतकालीन सत्र से पहले आज सर्वदलीय बैठक में बीएसपी द्वारा सरकार से देश में जातीय जनगणना कराए जाने की मांग पुनः की गयी.

सर्वदलीय बैठक की तस्वीर (फोटो ट्विटर)

Parliament Winter Session: केंद्र सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र को लेकर तैयारियां शुरू कर दी है. 4 दिसंबर से सत्र की शुरुआत होगी. इससे पहले केंद्र सरकार ने एक सर्वदलीय बैठक बुलाई. इस बैठक बाद सरकार की तरफ से कहा गया कि हम सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार हैं. हमने विपक्ष से कहा है कि वह सभी मुद्दों पर रचनात्मक चर्चा करें. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सरकार रचनात्मक तरीके चर्चा के लिए तैयार है. हमने विपक्ष से सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलने देने का अनुरोध किया है. हमने विपक्ष के सुझावों को सकारात्मक रूप से लिया है.

संसदीय मंत्री ने बताया कि 19 विधेयक और दो वित्तीय विषय विचाराधीन है. जिन पर सत्र के दौरान चर्चा की जाएगी. इसके अलावा विपक्ष के मुद्दों पर भी रचनात्मक चर्चा की जाएगी. प्रह्लाद जोशी ने बताया कि संसद का शीतकालीन सत्र चार दिसंबर से 22 दिसंबर तक चलेगा. इस 19 दिनों में 15 बैठकें की जाएंगी.

शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले सर्वदलीय बैठक लोकसभा में उपनेता और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में की गई. इस मीटिंग में 23 दलों के 30 नेता शामिल हुए थे. इस दौरान उन्होंने अपने कई सुझाव दिए हैं.

सर्वदलीय बैठक में ये नेता हुए शामिल

दरअसल सर्वदलीय बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, प्रह्लाद जोशी, केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, कांग्रेस नेता जयराम रमेश, गौरव गोगोई, प्रमोद तिवारी, तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंद्योपाध्याय, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की नेता फौजिया खान और आरएसपी नेता एन के प्रेमचंद्रन सहित अन्य नेता शामिल हुए.

वहीं सर्वदलीय बैठक में मायावती की पार्टी बीएसपी ने जातीय जनगणना की मांग की. बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर कहा कि संसद के आगामी 4 दिसम्बर से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र से पहले आज सर्वदलीय बैठक में बीएसपी द्वारा सरकार से देश में जातीय जनगणना कराए जाने की मांग पुनः की गयी. अब जबकि इसकी मांग देश के कोने-कोने से उठ रही है, केन्द्र सरकार द्वारा इस बारे में अविलम्ब सकारात्मक कदम उठाना जरूरी.

ये जरुरी विधेयक सदन में हो सकते हैं पेश

सत्र  के दौरान सरकार अंग्रेजों के समय में बने तीन अपराधिक कानून- भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और साक्ष्य अधिनियम को बदलने वाले विधायक को पेश कर सकती है. इसके अलावा ही मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति से संबंधित एक जरुरी बिल संसद में लंबित है. साथ ही पैसे लेकर सवाल करने के आरोप के मामले में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित करने की सिफारिश वाली रिपोर्ट सदन में पेश की जाएगी.

विपक्ष के मुद्दे

राज्यसभा में सदन के उपनेता प्रमोद तिवारी ने बताया कि सदन में हम जीन द्वारा हमारी जमीन हड़पने, महंगाई, बेरोजगारी और सरकारा द्वारा ईडी और सीबीआई के दुरुपयोग का इस्तेमाल करना शामिल हैं.

– भारत एक्सप्रेस

 



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