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Holi In Mathura: मथुरा में भव्य होली मनाने की तैयारी, मंदिरों में धूम, 28 फरवरी को होगी लठमार होली

Mathura: गोस्वामी ने आगे बताया कि इसमें कहीं बलदेव की कोड़ा मार, कहीं गोकुल के छड़ीमार, तो कहीं जाब-बठैन की सामूहिक नृत्य के रूप के हुरंगा, तो कहीं राधारानी की नानी के गांव मुखराई के ‘चरकुला नृत्य’ के रूप में बदल जाती है.

Mathura Holi

मथुरा में भव्य होली मनाने की तैयारी

Mathura Holi Preparation: उत्तर प्रदेश में रंगों के त्योहार होली की आहट के बीच मथुरा जिले के मंदिरों में रंग पर्व का उल्लास चरम पर है. रोजाना सुबह – शाम सभी प्रमुख मंदिरों में ठाकुर जी के समक्ष अबीर-गुलाल भेंट किया जा रहा है और प्रसाद के रूप में उसे श्रद्धालुओं के ऊपर भी बरसाया जा रहा है. सम्पूर्ण ब्रज मंडल के मंदिरों में बसंत पंचमी के दिन ही होली की शुरुआत हो जाती है.

इसी दिन सभी शहर-कस्बों के प्रमुख चौराहों पर होली का डांढ़ा (लकड़ी का एक टुकड़ा, जिसके आसपास के दायरे में ही होली जलाई जाने वाली लकड़िया-कंडे इत्यादि जमा किए जाते हैं) गाड़ दिया जाता है.

‘बसंत पंचमी से ही मंदिरों में ठाकुर जी को गुलाल भेंट किया जाता है’

बांके बिहारी मंदिर के सेवायत प्रह्लाद कृष्ण गोस्वामी ने गुरुवार को बताया कि यही वह दिन होता है जब गोस्वामी समाज के लोग प्रतिदिन ठाकुर जी के समक्ष समाज गायन (होली के गीत) कर प्रभु को अपनी भावनाओं से अवगत कराते हैं और उन्हें होली की बधाई देते हैं. इसीलिए इस गायन को ‘बधाई गायन’ भी कहते हैं. बसंत पंचमी से ही मंदिरों में ठाकुर जी को गुलाल भेंट किया जाने लगता है. इसी गुलाल को प्रसाद के रूप में श्रद्धालुओं पर भी उड़ाया जाता है.

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उन्होंने बताया कि मथुरा, वृन्दावन, बरसाना, नन्दगांव, गोवर्धन, राधाकुंड, गोकुल, महावन, बलदेव आदि सभी तीर्थस्थलों पर होली का पर्व बसंत पंचमी से लेकर फाल्गुन पूर्णिमा के पश्चचात अगले दिन तक जारी रहता है.

इस बार होगा भव्य आयोजन

गोस्वामी ने आगे बताया कि इसमें कहीं बलदेव की कोड़ा मार, कहीं गोकुल के छड़ीमार, तो कहीं जाब-बठैन की सामूहिक नृत्य के रूप के हुरंगा, तो कहीं राधारानी की नानी के गांव मुखराई के ‘चरकुला नृत्य’ के रूप में बदल जाती है. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ब्रज तीर्थ विकास परिषद की संस्तुति पर बरसाना की लठमार होली को राज्य पर्वों की सूची में तो पहले से ला चुकी है, लेकिन इस बार इसके भव्य आयोजन के लिए विशेष रूप से साठ लाख रुपये का बजट भी जारी किया गया है और जिला प्रशासन सभी तैयारियों को 24 फरवरी तक के तय समय में पूरा कराने में जुटा हुआ है.

प्रशासन ने की विशेष रूप से की तैयारियां

वहीं जिलाधिकारी पुलकित खरे और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेष कुमार पाण्डेय लगातार बरसाना, नन्दगांव, वृन्दावन, बलदेव आदि होली के प्रमुख आयोजन स्थलों का भ्रमण कर सभी कार्यक्रम शांतिपूर्वक तरीके से सम्पन्न कराने के प्रयास कर रहे हैं. जिलाधिकारी ने हाल में बरसाना में जिले के सभी विभाग प्रमुखों के बीच लठमार होली के आयोजन की तैयारियों का जायजा लिया. उन्होंने बताया कि 27 फरवरी को बरसाना के लाड़िली जी मंदिर में लड्डू होली होगी. 28 फरवरी को नन्दगांव के हुरियार बरसाना की रंगीली गली में लठामार होली खेलने पहुंचेंगे तो अगले दिन एक मार्च को बरसाना के हुरियार नन्दगांव की हुरियारिनों के साथ होली खेलेंगे.

‘मेले में सुरक्षा का पूरा इंतजाम रहेगा’

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पाण्डेय ने बताया कि मेले में सुरक्षा का पूरा इंतजाम रहेगा. करीब डेढ़ सौ सीसीटीवी कैमरों सहित पांच ड्रोन कैमरे लगातार निगरानी करते रहेंगे. सुरक्षा के लिए एसपी, डीएसपी सहित 60 निरीक्षक, 600 उप निरीक्षक, 200 मुख्य आरक्षी, 1200 आरक्षी, 100 महिला आरक्षी आदि सहित पीएसी की 5 कंपनी, गोताखोर दल, बम निष्क्रियकरण दस्ते, श्वान दल, अग्निशमन दल आदि भी तैनात रहेंगे. उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम इस अवसर पर बरसाना आने-जाने वाले यात्रियों के लिए करीब 150 बसें चलाएगा.

– आईएएनएस

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