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Aam Aadmi Party Rajasthan : मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना समेत 4 राज्यों के नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव के परिणाम आज जारी हो रहे हैं. मतगणना के रुझानों में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान तीनों राज्यों में भाजपा कांग्रेस से आगे चल रही है. वहीं, अन्य पार्टियों के प्रत्याशियों की कोई चर्चा नहीं हो रही. दिल्ली और पंजाब में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने इस बार राजस्थान में अपने प्रत्याशी उतारे थे, लेकिन उनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा.
राजस्थान की कुल 199 सीटों पर हुए चुनाव के बाद रविवार, 3 दिसंबर की दोपहर 1:40 बजे तक भाजपा अकेले ही 100 के पार हो गई. रुझानों में उसे 112 सीटें मिलती नजर आ रही हैं, ये संख्या उसे पिछली बार मिली सीटों से 41 ज्यादा है. वहीं, कांग्रेस 2018 के मुकाबले 38 सीटें कम लाती दिख रही है. उसे रुझानों में 70 सीटें मिलीं. इस बार राजस्थान की 16 सीटें ऐसी हैं…जहां न तो कांग्रेस और न ही भाजपा के प्रत्याशी जीतते नजर आ रहे हैं. कांग्रेस भाजपा से इतर 15 सीटों पर अन्य उम्मीदवार आगे हैं. वहीं, एक सीट भारतीय आदिवासी पार्टी ने जीत ली है.
आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन राजस्थान में काफी निराशाजनक रहा है. अरविंद केजरीवाल की अगुवाई में आम आदमी पार्टी ने राजस्थान की सभी 200 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी की थी. आम आदमी पार्टी ने चार बार अपने उम्मीदवारों के नाम घोषित किए. आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने राजस्थान विधानसभा चुनावों में अपनी पार्टी के लिए रैलियां की, लेकिन इसका प्रभाव प्रदेश में कम दिख रहा है. पार्टी में दिग्गज नेताओं की गैर-मौजूदगी से यह चुनाव केवल औपचारिकता वाला नजर आया. इसके अलावा, आम आदमी पार्टी के दो उम्मीदवारों ने मतदान से पहले ही चुनावी मैदान छोड़ दिया. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने जयपुर और हनुमानगढ़ में तिरंगा यात्राएं निकालीं, लेकिन चुनावी दिनों में वह प्रदेश में सक्रिय नजर नहीं आए.
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आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों की चौथी लिस्ट आने तक आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं में काफी जोश नजर आ रहा था. हालांकि, उसके बाद दिल्ली में जैसे-जैसे आप के दिग्गज नेताओं के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसियां कार्रवाई करने लगीं, तो पार्टी के दिग्गज नेताओं का राजस्थान में चुनावी अभियान कमतर होता गया. केजरीवाल की ही बात करें तो सीबीआई ने उन्हें समन भेजकर डर बिठा दिया. सीबीआई की एंट्री के बाद केजरीवाल उतने मुखर नहीं नजर आए, जितना कार्यकर्ता उनसे उम्मीद कर रहे थे. अलवर की रामगढ़ विधानसभा से प्रत्याशी विश्वेंदर सिंह ने जरूर लोगों को पार्टी से जोड़ने की कोशिश की, लेकिन चुनाव में कोई भी दिग्गज नेता मतदाताओं को खासा प्रभावित नहीं कर सके.
— भारत एक्सप्रेस
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