पीएम नरेंद्र मोदी
Parliament Special Session: संसद के विशेष सत्र की शुरूआत से पहले आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी को लेटर लिखकर 9 मुद्दों पर चर्चा की मांग की है. इनमें चीन-भारत टेंशन, मणिपुर हिंसा व अडानी के मुद्दे के अलावा जातीय जनगणना पर भी चर्चा की मांग की गई है. इन सबके बीच ‘इंडिया बनाम भारत’ और उदयनिधि स्टालिन द्वारा सनातन पर विवादित बयानबाजी के कारण सियासी पारा चढ़ा हुआ है.
‘इंडिया बनाम भारत’ की तेज होती बहस के बीच कुछ बदलावों की मांग भी उठी है. मसलन, असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया में ‘इंडिया’ की जगह भारत लगाने की मांग कर चुके हैं. वहीं पूर्व क्रिकेटर ने बीसीसीआई से मांग की है कि टीम इंडिया को ‘टीम भारत’ कहा जाए. दूसरी तरफ, इंडिया की जगह भारत का औपचारिक इस्तेमाल भी होने लगा है. प्रेसिडेंट ऑफ भारत, भारत के प्रधानमंत्री और जी20 सम्मेलन में कार्ड पर इंडिया ऑफिशियल की जगह भारत के अधिकारी… इन सबके बाद अब असली बहस संसद में होगी.
पीएम मोदी की रणनीति
प्रधानमंत्री मोदी ने मंत्रियों और पार्टी कार्यकर्ताओं को ‘इंडिया बनाम भारत’ की लड़ाई से दूर रहने की हिदायत दी है. पीएम मोदी ने कहा है कि इस लड़ाई में उन कार्यकर्तांओं को नहीं शामिल होना चाहिए जो इसके बारे में जानते नहीं हैं. पीएम ने साफ तौर पर कहा है कि वे लोग ही इस मुद्दे पर बयान दें जिन्हें पूरी जानकारी है.
‘भारत’ को लेकर जारी बहस एक बड़ा मुद्दा तो है ही, साथ ही उदयनिधि के सनातन धर्म के खिलाफ दिए गए विवादित बयान पर भी जुबानी जंग जारी है. पीएम मोदी ने बीजेपी नेताओं से कहा है कि वे इस बयान पर सख्ती से जवाब दें. या यूं कहा जाए तो ‘सनातन’ के मुद्दे पर पीएम मोदी ‘इंडिया अलायंस’ को संसद के विशेष सत्र में घेरने की पूरी तैयारी कर रहे हैं.
बंटा हुआ है विपक्ष
इस मुद्दे पर विपक्ष बंटा हुआ नजर आया है. चाहें आम आदमी पार्टी हो, कांग्रेस या फिर शिवसेना (UT)… उदयनिधि के बयान से ये दल किनारा करते नजर आए हैं. ऐसे में बीजेपी इस मुद्दे पर और भी आक्रामक तरीके से आगे बढ़ने की रणनीति बनाने में जुट गई है. कांग्रेस उदयनिधि के बयान के समर्थन में नहीं है और उसने कहा है कि पार्टी ने हमेशा सर्वधर्म समभाव में विश्वास किया है, जिसमें हर धर्म, हर आस्था का अपना स्थान है. कोई भी किसी विशेष आस्था को किसी अन्य आस्था से कमतर नहीं मान सकता है.
बीजेपी ‘सनातन’ के खिलाफ टिप्पणी मामले को उठाकर अपने समर्थकों को यह समझाने की कोशिश कर सकती है कि ‘इंडिया अलायंस’ हिंदू धर्म के खिलाफ है. राम मंदिर मुद्दे पर विपक्षी दलों के नेताओं के बयान का हवाला देकर बीजेपी कई बार उन्हें हिंदू धर्म का विरोधी बता चुकी है. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि इन दोनों मुद्दों पर संसद के विशेष सत्र में विपक्ष किस रणनीति के साथ उतरता है.
-भारत एक्सप्रेस