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1984 सिख विरोधी दंगों से जुड़ी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 17 फरवरी को करेगा सुनवाई, दोषियों के खिलाफ अपील की मांग

सुप्रीम कोर्ट 1984 सिख विरोधी दंगों से संबंधित याचिका पर 17 फरवरी को सुनवाई करेगा, जिसमें दंगा पीड़ितों के लिए जल्द न्याय की मांग की गई है और दोषियों के खिलाफ अपील की सिफारिश की गई है. कोर्ट ने जांच के दौरान दिल्ली पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठाए हैं.

Supreme Court
Aarika Singh Edited by Aarika Singh

1984 सिख विरोधी दंगों से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट 17 फरवरी को सुनवाई करेगा. मामले कि सुनवाई के दौरान कोर्ट को प्रासंगिक दस्तावेजों की कॉपी कोर्ट के सामने रखने की अनुमति दे दिया है. जस्टिस अभय एस ओका की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि इस मामले में अभी तक ट्रायल खत्म हो जाना चाहिए. कोर्ट ने पूछा कि क्या बरी किए जाने के विरुद्ध कोई अपील दायर की गई थी? कोर्ट एस गुरलाद सिंह काहलों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा है. याचिका में दंगा पीड़ितों के लिए जल्द न्याय सुनिश्चित करने की मांग की गई है.

पिछली सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट कहा था कि रिकॉर्ड से यह भी साफ है कि 1984 के सिख विरोधी दंगों के कई मामलों में ट्रायल इस तरह से हुआ, जिसके चलते आरोपी दोषी ठहराये जाने के बजाए बरी कर दिए है. एएसजी ऐश्वर्या भाटी ने कोर्ट को बताया था कि आरोपियों को बरी किए जाने के खिलाफ अपील दायर की थी, लेकिन देरी के आधार पर याचिका को खारिज कर दिया गया. एएसजी ने कहा कि 11 जनवरी 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने 1984 के दंगों से संबंधित 186 मामलों की जांच के लिए दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एसएन ढींगड़ा की अध्यक्षता में एक एसआईटी का गठन किया था.

वरिष्ठ वकील ने कोर्ट को सौपा सारणीबद्ध चार्ट

एसआईटी ने मामलों की जांच के बाद जिन लोगों को बरी किया गया है, उनके खिलाफ अपील दाखिल करने की सिफारिश की है. पिछली सुनवाई में याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील एचएस फुल्का ने एक सारणीबद्ध चार्ट कोर्ट को सौपा था. इस चार्ट में दिल्ली पुलिस की ओर से निष्क्रियता को उजागर किया गया है. जस्टिस एसएन ढींगरा ने कहा था कि छह लोगों की हत्या की कभी जांच नहीं की गई और कम से कम दो मामलों में कार्रवाई नही की गई.

उन्होंने कहा था जिस एसएचओ ने कथित तौर पर सिखों की लाइसेंसी बंदूकें छीन ली और भीड़ को सिखों पर हमला करने का इशारा किया, उसे एसीपी के पद पर पदोन्नति कर दिया गया. पिछले साल 20 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामलों में मुकदमों की स्थिति पर रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था.

-भारत एक्सप्रेस



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