पूर्व मंत्री धर्म सिंह सैनी (फोटो ट्विटर)
योगी सरकार में पूर्व आयुष मंत्री रहे धर्म सिंह सैनी पर एसटीएफ (STF) का शिकंजा कस सकता है. घूस लेने के मामले में एसटीएफ पूर्व मंत्री से पूछताछ करेगी. STF की टीम धर्म सिंह सैनी से उनके पूर्व सचिव राजकुमार दिवाकर के बयान के आधार पर पूछताछ करेगी.
दरअसल, राजकुमार दिवाकर ने एसटीएफ को दिए बयान में कहा था कि आयुष कॉलेज को मान्यता देने के लिए मंत्री धर्म सिंह सैनी को घूस मिली थी. साथ ही आयुष के पूर्व प्रभारी शिक्षा डॉक्टर उमाकांत के बयानों में भी सैनी पर घूस लेने का आरोप लगा है.
कॉलेजों में एडमिशन को लेकर हुआ घोटला
यह पूरा मामला आयुष कॉलेजों में बिना नीट (NEET) परीक्षा के एडमिशन लेने के मामले को लेकर है. जिसमें बड़े स्तर पर धांधली हुई थी. असल में इस परीक्षा में कम मेरिट के 891 छात्रों को उत्तर प्रदेश के आयुर्वेदिक होम्योपैथिक और यूनानी कॉलेज में एडमिशन दिया गया था. सबसे ज्यादा गड़बड़ी आयुर्वेदिक कॉलेज में एडमिशन लेने को पायी गई थी. वहीं इसमें चौंकाने वाली बात यह थी कि मेरिट में कम नंबर पाने वाले छात्रों को अच्छे कॉलेजों में एडमिशन दे दिया गया. यहां तक कि इसमें कुछ छात्रों को तो बिना नीट की परीक्षा दिए एडमिशन मिल गया था.
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इस पूरे घोटाले के मामले में यूपी (STF) ने एक चार्जशीट दाखिल की थी. इस चार्जशीट में पूर्व प्रभारी शिक्षा डॉक्टर उमाकांत और पूर्व निदेशक एसएन सिंह के नाम समेत 15 आरोपियों के नाम शामिल हैं. पूर्व सचिव ने आरोप लगाया है कि आयुष में यूजी की मान्यता के लिए धर्म सिंह सैनी के 1 करोड़ 10 लाख और पीजी के लिए 50 लाख रुपए की घूस मिली है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद लगा आरोप
सुप्रीम कोर्ट के 2019 के एक आदेश के अनुपालन के लिए घूस लेने का आरोप लगा है. आरोप है कि आयुष काउंसिलिंग में बची हुई सीट को बारहवीं पास छात्र और छात्राओं से भरने के आदेश के बाद कुल एक करोड़ साठ लाख रुपए की घूस ली गई. घूस की इस राशि को पूर्व मंत्री और अफसरों में बांटा गया. यह खुलासा एसटीएफ टीम ने अपनी चार्जशीट में किया है.
– भारत एक्सप्रेस
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