देश

Uttarkashi Tunnel Rescue Operation: हाथों से खुदाई करके 41 मजदूरों को बचाने वाले रैट माइनर्स को दिल्ली BJP ने दिया 25-25 हज़ार का पुरस्कार

Delhi News: उत्तराखंड में सिलक्यारा टनल से 17 दिनों बाद सुर​क्षित निकाले गए 41 मजदूरों की देशभर में चर्चा हो रही है. साथ ही लोग उन 12 रैट माइनर्स की भी सराहना कर रहे हैं, जिन्होंने 41 मजदूरों को बचाने के लिए टनल में हाथों से खुदाई की थी. रैट माइनर्स को सत्तारूढ़ भाजपा ने सम्मानित किया. उन सबको 25-25 हज़ार का पुरस्कार भी आज दिया गया.

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने दिल्‍ली में रैट माइनर्स से मुलाकात की. उसके बाद दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, “इन भाइयों ने बहुत बेहतरीन काम किया है. इन्‍होंने सही मायनों में दिल्ली और देश का नाम रोशन किया है. सिलक्यारा टनल में 17 दिनों तक फंसे रहे 41 श्रमिकों को बचाने में इनका बहुत बड़ा योगदान है, इसलिए हम इन्हें बधाई देने आए हैं.”

भाजपा के सांसद मनोज तिवारी ने कहा, “हम इन सभी को सलाम करते हैं. इन 12 रैट माइनर्स में से 6 हमारे क्षेत्र के हैं. हमारे प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और अपनी पूरी टीम के साथ हमने इनका सम्मान किया और 25-25 हज़ार का पुरस्कार दिया. हम चाहते हैं कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार भी इन्हें पुरस्कृत करे”

कौन हैं वे 12 रैट माइनर्स, उनके नाम

– देवेंद्र
– फिरोज
– राशिद
-इरशाद
– नसीम
– मोनू
– नसीर
– अंकुर
– जतिन
– वकील हसन
– सौरभ
– मुन्ना कुरैशी

कल दिल्ली लौटे छह रैट माइनर्स

बता दें क‍ि रैट माइनर्स ने उत्तरकाशी टनल में फंसे 41 मजदूरों की जान बचाई. जब मशीनें टनल में फंस गईं, तो इन सभी रैट माइनर्स ने टनल में घुस कर मैन्युअली मलबे को हटाया और मजदूरों को बाहर निकाला. 12 लोगों की टीम में 6 जांबाज दिल्‍ली के वर्कर खजूरी खास की राजीव नगर कॉलोनी के रहने वाले हैं, जो सिलक्यारा टनल का रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन खत्‍म होने के बाद वापस दिल्‍ली लौटे.

जानिए क्या होती है रैट माइनिंग?

जिस तरह से चूहा अपने बिल के अंदर घुसकर मिट्टी को बाहर फेंकते हुए आगे बढ़ता है, उसी तरह से इन 12 लोगों की टीम ने क्षतिग्रस्त टनल के अंदर काम किया. उनकी द्वारा आजमाए गए तरीके को रैट माइनिंग या जैक पुशिंग कहते हैं. और, उनकी टीम को रैट माइनर्स के रूप में जाना जाता है.

41 मजदूरों को बचाने के लिए कुल 652 लोगों की टीम लगी

189 पुलिसकर्मी
106 स्वास्थ्यकर्मी

101 लोग डिजास्टर रीस्पान्स फोर्स के. इसमें 39 लोग SDRF यानी State Disaster Response force के और 62 लोग NDRF यानी National Disaster Response Force के थे.

77 जवान इंडो-तिबतन बॉर्डर पुलिस के, इनकी कुल दो बटालियन तैनात थी. इसमें 60 जवान 12वीं बटालियन से, 17 जवान 35वीं बटालियन से थे.

46 कर्मचारी उत्तरकाशी जल संस्थान के
32 कर्मचारी उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के
24 कर्मचारी दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के
12 कर्मचारी उत्तरकाशी के फायरमैन
9 उत्तरकाशी के जिला सप्लाई ऑफिसर के लोग
7 वायरलेस पुलिस जवान
7 कर्मचारी जल निगम से
3 कर्मचारी सूचना विभाग के लोग
1 कर्मचारी चिनयालीसौड़ PWD से

— भारत एक्सप्रेस

Vijay Ram

ऑनलाइन जर्नलिज्म में रचे-रमे हैं. हिंदी न्यूज वेबसाइट्स के क्रिएटिव प्रेजेंटेशन पर फोकस रहा है. 10 साल से लेखन कर रहे. सनातन धर्म के पुराण, महाभारत-रामायण महाकाव्यों (हिंदी संकलन) में दो दशक से अध्ययनरत. सन् 2000 तक के प्रमुख अखबारों को संग्रहित किया. धर्म-अध्यात्म, देश-विदेश, सैन्य-रणनीति, राजनीति और फिल्मी खबरों में रुचि.

Recent Posts

चुनाव में सांप्रदायिक रूप से विभाजनकारी भाषण देने पर कार्रवाई की मांग को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल

याचिका में आचार संहिता का उल्लंघन कर नफरत फैलाने वाले भाषण देने वाले उम्मीदवारों के…

56 mins ago

Election 2024: समर्थकों पर नजर, नतीजों पर कितना असर; ‘वॉशिंग मशीन’ पर क्या बोले कांग्रेस पार्टी के नेता?

Video: लोकसभा चुनाव के तीन चरणों के मतदान हो चुके हैं. इन चुनावों को लेकर…

1 hour ago