उत्तर भारत में भीषण गर्मी से मिलेगी राहत (फोटो ट्विटर)
Weather Update Today: फरवरी महीने में जोरदार गर्मी पड़ने के बाद मार्च महीनें के आखिरी दिनों में हुई बारिश के कारण मौसम अभी ठंडा है, लेकिन आने वाले कुछ दिनों में तापमान में धीरे-धीरे बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है. उत्तर पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर देश के ज्यादातर इलाकों में अप्रैल से जून तक अधिकतम तापमान सामान्य रह सकता है. इस दौरान उत्तर-पश्चिम, मध्य व पूर्वी राज्यों में लू चलने की काफी संभावना है.
कैसा रहेगा आज का मौसम
मौसम विभाग के मुताबिक दिल्ली एनसीआर में रविवार को पूरे दिन मौसम साफ रहेगा. हालांकि कुछ जगहों पर आसमान में हल्के बादल भी देखने को मिल सकते हैं. लेकिन पूरे दिन तेज धूप रहने वाली है. इस वजह से तापमान में फिर एक से दो डिग्री की बढ़ोतरी दर्ज की जा सकती है. तापमान में बढ़ोतरी की वजह से गर्मी का असर भी देखने को मिल सकता है.
अप्रैल से चल सकती है लू
मौसम विभाग की माने तो उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा, बंगाल, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब और हरियाणा में इस बार अप्रैल के महीने में सामान्य से अधिक दिन लू चलने की संभावना है. अधिकतम तापमान सामान्य से 4.5 डिग्री सेल्सियस अधिक रहेगा जिसके चलते लू चल सकती है.
कब चलती है लू?
आपको बता दें कि जब मैदानी इलाकों में अधिकतम तापमान कम से कम 40 डिग्री सेल्सियस, तटीय क्षेत्रों में 37 डिग्री सेल्सियस और पहाड़ी क्षेत्रों में तापमान कम से कम 30 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच जाए तो ऐसा कहा जाता है कि लू चल रही है. ये कहा जा रहा है कि इस बार लू वाले दिनों की संख्या अधिक रहने की संभावना है.
1901 के बाद सबसे अधिक गर्म रहा फरवरी महीना
मौसम विभाग की मानें तो फरवरी का महीना साल 1901 के बाद सबसे अधिक गर्म महीना रहा. वहीं, मार्च में सात बार पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने के कारण 37.6 मिलीमीटर वर्षा हुई, जो सामान्य (29.9 मिलीमीटर) से अधिक रहा है, जबकि पिछले साल 2022 में मार्च सबसे गर्म व 121 वर्षों में तीसरा सबसे सूखा मार्च का महीना रहा था.
अप्रैल में सामान्य वर्षा होने की उम्मीद
मौसम विभाग के मुताबिक इस बार अप्रैल में सामान्य वर्षा हो सकती है. अप्रैल के महीने में सामान्य तौर पर देशभर में 39.2 मिमी बारिश होने की संभावना है. उत्तर-पश्चिम, मध्य और प्रायद्वीपीय क्षेत्र के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक वर्षा देखने को मिल सकती है, जबकि पूर्व व उत्तर-पूर्व भारत में सामान्य से कम वर्षा हो सकती है.